9 जुलाई को बिहार बंद! पप्पू यादव की चेतावनी करोड़ों मतदाताओं का वोटिंग अधिकार होगा खत्म, खोला मोर्चा
वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण से करोड़ों मतदाताओं का वोटिंग अधिकार समाप्त होने का दावा करते हुए पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने 9 जुलाई को बिहार बंद का आह्वान किया है. इसे लोकतंत्र के खिलाफ साजिश करार दिया.

Bihar Band : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने 9 जुलाई को बिहार बंद का आह्वान किया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि उस दिन चुनाव आयोग के कार्यालय का घेराव भी किया जाएगा. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर लोगों से की गई अपील में पप्पू ने कहा कि ‘बिहार के सभी युवाओं, दलित, अति पिछड़े, अल्पसंख्यक और सभी समाज के लोगों से विनम्र आग्रह है BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) भी अपने भाई-बहन हैं. वह हमें फोन कर बता रहे हैं वह भी सरकार के भीषण दबाव में हैं. मतदाता पुनरीक्षण के लिए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. वह गांव घर आएं तो उन्हें प्रेम से कोई काम न करने दें.’
करोड़ों मतदाताओं के खिलाफ साजिश
पप्पू यादव ने इसे बिहार के करोड़ों मतदाताओं के खिलाफ एक साजिश करार देते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गरीबों के नाम पर कोई गड़बड़ी की, तो जान देकर लड़ेंगे. अगर गरीबों के नाम पर आयोग ने कोई गड़बड़ी की, तो उसके खिलाफ जान देकर भी लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर आज कांग्रेस प्रभारी से उनकी बातचीत होने वाली है. इसके साथ ही जनता से भी अपील की है कि ऐसी संस्थागत गड़बड़ियों के खिलाफ अब निर्णायक भूमिका निभाने का समय आ गया है.
छिन जाएगा वोट देने अधिकार
पप्पू ने आरोप लगाए की एनडीए सरकार हमारे लोकतांत्रिक अधिकार छीन रही है. वोट देना हर आदमी का मौलिक अधिकार है. सरकार चुनाव आयोग के माध्यम से गरीब दलित और अतिपिछड़ा को वोट देने के अधिकार को छीनना चाहती है. मुझे मरना पसंद है, लेकिन बिहारियों का हित कोई छीन ले, ये पसंद नहीं है.
कोर्ट में करेंगे अपील
पप्पू यादव ने इस पूरे मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, '9 जुलाई को हम पूरा बिहार बंद करेंगे। हम चुनाव आयोग के कार्यालय को घेरेंगे। हम आज हाई कोर्ट जा रहे हैं, मामला दायर करेंगे। हम इस पूरी लड़ाई में कांग्रेस के साथ हैं।
क्या है विशेष गहन पुनरीक्षण
चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 को बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का आदेश दिया, जो 25 जून से 25 जुलाई 2025 तक चलेगा। इस प्रक्रिया के तहत, बिहार के लगभग 8 करोड़ मतदाताओं को अपनी नागरिकता और पात्रता साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे, जैसे जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मूल निवास प्रमाण पत्र, या 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई सरकारी दस्तावेज देना होगा.