Bihar Land Survey: बिहार में भूमि सर्वेक्षण के कार्य में तेजी लाने के लिए हाल ही में सभी प्रमंडलों का स्वतंत्र सर्वर शुरू किया गया है। इस नई व्यवस्था से दस्तावेजों के भंडारण की समस्या का समाधान हुआ है, जिससे रैयत अब आसानी से अपनी स्वघोषणा और वंशावली को अपलोड कर सकते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया के बीच एक गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है,लगभग 900 सर्वेक्षण कर्मचारी अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं।
कई सर्वेक्षण कर्मियों ने अन्य स्थानों पर नौकरी मिलने के कारण इस्तीफा दिया है। विशेष रूप से, बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा कनीय अभियंता के पद पर चयनित होने के बाद कई कर्मचारियों ने अपने मौजूदा पदों को छोड़ने का निर्णय लिया।
सर्वे कर्मियों के त्यागपत्र और अनापत्ति के मुद्दे से निदेशालय को शीघ्र अवगत कराने का आदेश भी दिया गया। गया जिले में 42 और मधुबनी में 26 सर्वे कर्मियों ने त्यागपत्र दिया है। सभी जिलों को मिलाकर ऐसे कर्मियों की संख्या करीब 900 है, जिन्होंने जूनियर इंजीनियर के पद पर चयन के बाद सर्वे कर्मी के पद से त्यागपत्र दे दिया है। इनकी नियुक्ति जुनियर इंजीनीयर के नियमित पद पर हो चुकी है।
भूमि सर्वेक्षण के दौरान कुछ तकनीकी समस्याओं और दस्तावेजों की अपलोडिंग में कठिनाइयों की भी शिकायतें आई हैं। इससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ा है, जो उनके कामकाज को प्रभावित कर रहा है।
सभी जिलों में ऐसे कर्मियों की कुल संख्या लगभग 900 है, जिन्होंने जूनियर इंजीनियर के पद पर चयनित होने के बाद सर्वे कर्मी के पद से इस्तीफा दे दिया है। इनकी नियुक्ति जूनियर इंजीनियर के स्थायी पद पर हो चुकी है। भूमि सर्वेक्षण के संदर्भ में जमाबंदियों में सुधार कर इसे डिजिटाइज्ड करने की आवश्यकता है, लेकिन जमाबंदियों में हुई त्रुटियों के कारण इसमें कठिनाई उत्पन्न हो रही है।
बिहार सरकार द्वारा भूमि सर्वेक्षण कार्य पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती की जा रही थी, लेकिन लगातार इस्तीफों ने इस प्रक्रिया को संकट में डाल दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भर्ती प्रक्रिया में स्थिरता नहीं है और कर्मचारी अपनी नौकरी को सुरक्षित नहीं मानते।
कई कर्मचारियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है, जिससे वे अन्य नौकरियों के लिए आवेदन कर सके। यह भी एक महत्वपूर्ण कारण बन गया है कि क्यों इतने सारे कर्मचारी अपने पद छोड़ रहे हैं।
बिहार में भूमि सर्वेक्षण कार्य में तेजी लाने की कोशिशें एक नई चुनौती का सामना कर रही हैं क्योंकि 900 कर्मचारियों का इस्तीफा देना इस क्षेत्र में कामकाज और प्रशासनिक ढांचे पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।