Patna Airport Bomb Threat : पटना एयरपोर्ट को मिली बम से उड़ाने की धमकी, ईमेल मिलते ही मचा हड़कंप, फिर जो हुआ....
Patna Airport Bomb Threat :पटना एयरपोर्ट को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है। ईस्टोनिया की इनक्रिप्टेड ईमेल सर्विस से धमकी भरा मेल भेजा गया है। धमकी के मेल आते ही एयरपोर्ट प्रशासन में हड़कंप मच गया। वहीं साइबर सेल की टीम जांच में जुटी गई है।

Patna Airport Bomb Threat : पटना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरा ईमेल मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। यह ईमेल एयरपोर्ट निदेशक की आधिकारिक आईडी पर 28 जून की रात 1:39 बजे भेजा गया। जिसे एयरपोर्ट प्रशासन ने 29 जून की सुबह 6:06 बजे नोटिस किया। धमकी भरा यह मेल ईस्टोनिया की इनक्रिप्टेड ईमेल सर्विस कंपनी atomicmail.io के जरिए भेजा गया। मेल भेजने के लिए जिस ईमेल एड्रेस kyoandroad kil@atomicmail.io का इस्तेमाल हुआ था।
हवाई अड्डे पर गहन तलाशी, मामला दर्ज
मेल मिलते ही एयरपोर्ट प्रशासन, सीआईएसएफ और जिला पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। 29 जून की सुबह 6:50 बजे एयरपोर्ट की बम थ्रेट असेसमेंट कमेटी को सक्रिय किया गया। इसके बाद एयरपोर्ट के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली गई, लेकिन कहीं कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इसके बाद एयरपोर्ट के चीफ सिक्योरिटी अफसर बिक्की सिंह के लिखित आवेदन पर हवाई अड्डा थाना में केस दर्ज किया गया। सिटी एसपी सेंट्रल दीक्षा ने बताया कि केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच के लिए ईओयू (इकनॉमिक ऑफेंस यूनिट) के साइबर सेल को भी लगाया गया है। पटना पुलिस अपने स्तर से भी जांच कर रही है।
पहले भी मिल चुकी है ऐसी धमकी
गौरतलब है कि 18 जून 2024 को भी पटना एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की ईमेल से धमकी मिली थी। वहीं पिछले साल 12 मई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना आगमन से कुछ घंटे पहले भी इसी तरह की धमकी भरी मेल आई थी। इन दोनों मामलों में केस तो दर्ज हुए, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
जांच में साइबर चुनौतियां
साइबर सेल की मानें, अगर यह मेल भारत से ही भेजा गया है तो संभव है इसमें विदेश के इंटरनेट प्रोटोकॉल का इस्तेमाल हुआ हो। atomicmail.io जैसी इनक्रिप्टेड ईमेल सर्विस आमतौर पर एस्टोनिया के कोर्ट आदेश पर ही यूजर डेटा साझा करती है। ऐसे में पटना पुलिस को सीबीआई के माध्यम से म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रिटी (MLAT) का सहारा लेना होगा। अगर मेल बनाने में वर्चुअल मोबाइल नंबर या वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल हुआ होगा, तो धमकी देने वालों तक पहुंचना और भी मुश्किल होगा। पुलिस को यह भी जांचना होगा कि भारत या किसी राज्य में किन लोगों ने इस ईमेल सर्विस का इस्तेमाल किया है। उनसे पूछताछ के बाद ही कोई क्लू मिलने की संभावना है।