Bihar Politics: बिहार कांग्रेस का बड़ा चुनावी दांव,'अति पिछड़ों को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी' की मांग, राजनीतिक गलियारों में हलचल

Bihar Politics: प्रदेश कांग्रेस ने आगामी चुनावों से पहले एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है।...

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बिहार कांग्रेस का बड़ा चुनावी दांव- फोटो : reporter

Bihar Politics: प्रदेश कांग्रेस ने आगामी चुनावों से पहले एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। रविवार को सदाकत आश्रम में आयोजित "अतिपिछड़ों का सवाल बनाम कांग्रेस की भूमिका" विषयक सेमिनार सह अभिनंदन समारोह में पार्टी ने घोषणा की कि वह अति पिछड़ा वर्ग को उनकी आबादी के अनुपात में राजनीतिक हिस्सेदारी प्रदान करेगी। इस घोषणा से बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, खासकर तब जब राज्य में चुनाव नजदीक हैं।

कांग्रेस का संकल्प: सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण

इस महत्वपूर्ण सेमिनार में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए अति पिछड़ा समाज के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार और सह प्रभारी सुशील पासी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

सेमिनार के दौरान पार्टी ने एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कांग्रेस अति पिछड़े समुदाय की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक हिस्सेदारी के लिए संगठित संघर्ष करेगी और इसे अपने राजनीतिक एजेंडे में सर्वोच्च प्राथमिकता देगी। यह संकल्प कांग्रेस की अति पिछड़ों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसका लक्ष्य इस वर्ग का समग्र सशक्तिकरण है।

वक्ताओं ने उठाई आवाज: 'अति पिछड़ा समाज की आवाज को राजनीति के केंद्र में लाना'

कार्यक्रम को संबोधित करने वाले प्रमुख वक्ताओं में प्रो. शिव जनतन ठाकुर, अली अनवर, डॉ. केपी सिंह, चंद्रदेव कुमार चौधरी, नीलू कुमारी, अजय कानू, ओमप्रकाश महतो और प्रमोद कुमार चंदवंशी शामिल थे। वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि यह आयोजन सिर्फ एक अभिनंदन समारोह नहीं, बल्कि अति पिछड़ा समाज की आवाज को राजनीति के केंद्र में लाने की एक निर्णायक पहल साबित हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अति पिछड़ा वर्ग को उनका वाजिब हक मिलना चाहिए और कांग्रेस इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाएगी।

शशि भूषण पंडित का अभिनंदन: नई ऊर्जा और नई रणनीति

कार्यक्रम के दौरान अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ बिहार के नवनियुक्त चेयरमैन शशि भूषण पंडित का भी अभिनंदन किया गया। उनकी नियुक्ति को कांग्रेस की अति पिछड़ा वर्ग के साथ संबंधों को मजबूत करने और इस वर्ग को संगठित करने की रणनीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। पंडित की नई भूमिका से अति पिछड़ा वर्ग में पार्टी की पहुंच और प्रभाव बढ़ने की उम्मीद है।

कांग्रेस की यह घोषणा बिहार की जातिगत राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। आने वाले समय में देखना होगा कि कांग्रेस इस वादे को कैसे पूरा करती है और अन्य राजनीतिक दल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। यह निश्चित रूप से आगामी विधानसभा चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनने वाला है।

रिपोर्ट- नरोत्तम सिंह