BIhar CBI: डिजिटल कसटडी गैंग पर सीबीआई की सर्जिकल स्ट्राइक, साइबर ठगों के नेटवर्क में हलचल
Bihar CBI: बिहार में तेजी से फैल रहे डिजिटल अरेस्ट वाले साइबर क्राइम पर अब बड़ा ऑपरेशन शुरू हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य के सभी साइबर और पुलिस थानों में दर्ज डिजिटल अरेस्ट के केस सीबीआई को सौंपे जा रहे हैं। ...
Bihar CBI: बिहार में तेजी से फैल रहे डिजिटल अरेस्ट वाले साइबर क्राइम पर अब बड़ा ऑपरेशन शुरू हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य के सभी साइबर और पुलिस थानों में दर्ज डिजिटल अरेस्ट के केस सीबीआई को सौंपे जा रहे हैं। नोडल एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई इन फाइलों को ट्रांसफर करने की तैयारी में जुट चुकी है। बिहार में इस साल 100 से ज्यादा केस सामने आए, जिनमें आधे मामले सिर्फ पटना में दर्ज हुए यानी राजधानी साइबर गैंग का प्रमुख टारगेट बनी हुई है।
EOU सूत्र बताते हैं कि कोर्ट के आदेश के बाद सभी जिलों से केस का पूरा ब्योरा मांगा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि डिजिटल अरेस्ट के ज्यादातर मामलों में साइबर ठग खुद को CBI, ED, NIA या अन्य प्रवर्तन एजेंसियों का अधिकारी बनकर पेश करते हैं। डर, दहशत और गिरफ्तारी का भय दिखाकर वे पीड़ितों को घर में डिजिटली बंधक (Virtual Custody) बना लेते हैं और लाखों-करोड़ों रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करा लेते हैं। जांच में इनके देशव्यापी और संगठित गैंग होने के संकेत मिले हैं, जिसे तोड़ने की जिम्मेदारी अब सीबीआई को दी गई है।
अब तक हुई जांच में बैंकों की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठे हैं। कई मामलों में देखा गया कि ठग उन्हीं लोगों को चुनते थे जिनके खातों में बड़ी रकम होती थी। पैसे ट्रांसफर होने के बाद फ्रीज सिस्टम तुरंत एक्टिव न होने से ठगी की राशि बच नहीं पाती। उदाहरण के तौर पर पटना विश्वविद्यालय की एक सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर से पिछले साल करीब 3 करोड़ रुपये इसी तरीके से ऐंठ लिए गए। इसमें बैंक कर्मचारियों की साठगांठ की आशंका ने दायरा और बढ़ा दिया है, जिसे अब सीबीआई खंगालेगी।
सूत्रों के मुताबिक RBI स्तर पर अब एक हाई-टेक सिस्टम AI और मशीन लर्निंग आधारित मॉनिटरिंग लागू करने पर विचार हो रहा है, ताकि ठगों के बैंक खाते तत्काल पहचाने जाएं और फंड तुरंत फ्रीज हो सके।सुप्रीम कोर्ट ने इस खतरे को “बेहद गंभीर” बताते हुए कहा है कि डिजिटल अरेस्ट की जांच अन्य घोटालों से अलग, विशेष प्राथमिकता पर की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की पीठ ने सीबीआई को बैंकर्स की भूमिका की भी गहन जांच करने का आदेश दिया है।इस फैसले के बाद साइबर गिरोहों में खलबली है क्योंकि अब डिजिटल अरेस्ट माफिया सीधे केंद्रीय एजेंसी के रडार पर आ चुके हैं।