Patna Chhath: पटना में छठ पूजा से पहले दिन हुआ दर्दनाक हादसा! गंगाजल लेने गए तीन युवक डूबे
Patna Chhath: पटना जिले के खुसरूपुर थाना क्षेत्र में छठ पूजा की तैयारियों के दौरान तीन युवक गहरे पानी में डूब गए। SDRF टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद शव बरामद किए।
Patna Chhath: पटना जिले के खुसरूपुर थाना क्षेत्र से एक हृदयविदारक खबर सामने आई है। छठ पूजा की तैयारियों में जुटा एक परिवार मातम में डूब गया जब उनके तीन बेटे गहरे पानी में डूबकर मौत के शिकार हो गए।यह हादसा बैंकटपुर गोलिंदपुर घाट पर हुआ, जहां छठ के अवसर पर घाट की सफाई और पूजा की तैयारी चल रही थी।
मृतकों की पहचान सौरव कुमार (22), सोनू कुमार (22) और गुड्डू कुमार (19) के रूप में हुई है। तीनों अपने घर के लिए गंगाजल लेने घाट पर पहुंचे थे ताकि पूजा की तैयारी पूरी की जा सके। लेकिन यह दिन उनके परिवार के लिए एक अकल्पनीय त्रासदी लेकर आया।
हादसे का कारण सफाई के बाद नहाने के दौरान डूबे युवक
चश्मदीदों के अनुसार, घाट की सफाई के बाद तीनों युवक नहाने के लिए नदी में उतरे थे। इसी दौरान सोनू कुमार का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया।उसे बचाने के प्रयास में सौरव और गुड्डू भी पानी में कूद पड़े, लेकिन नदी की तेज धारा और गहराई ने तीनों को अपनी लहरों में समा लिया।स्थानीय लोगों ने बताया कि घाट के उस हिस्से में हाल के दिनों में जलस्तर काफी बढ़ा हुआ था और पानी की गहराई सामान्य से अधिक थी। नदी के बीच में तेज बहाव के कारण कोई भी उन्हें बाहर नहीं निकाल सका।
SDRF और गोताखोरों की कड़ी मशक्कत
घटना की जानकारी मिलते ही SDRF की टीम, स्थानीय गोताखोरों और पुलिस दल को मौके पर बुलाया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन कई घंटों तक चला, जिसके बाद तीनों युवकों के शव नदी से निकाले जा सके। शवों को तत्काल फतुहा अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। इसके बाद पोस्टमॉर्टम के लिए शवों को पटना के PMCH भेजा गया। SDRF अधिकारियों ने बताया कि यह इलाका डेंजर जोन में आता है और नदी का प्रवाह यहां बहुत तेज है। छठ जैसे अवसरों पर स्थानीय प्रशासन आमतौर पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था करता है, लेकिन इस बार तैयारी पूरी होने से पहले ही यह हादसा घट गया।
परिवारों में मातम, गांव में पसरा सन्नाटा
घटना के बाद गांव में मौन और आंसुओं का माहौल है। तीनों मृतक युवक एक ही परिवार और पड़ोस से थे। परिवारों के बीच ऐसा दुख है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। स्थानीय निवासी मितरंजन ने बताया हमने दोस्त को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन तेज धारा और गहरे पानी के कारण तीनों आंखों के सामने डूब गए। कुछ ही मिनटों में सब खत्म हो गया। गांव की महिलाएं रो-रोकर बेहोश हो रही थीं, वहीं पुरुषों की आंखें भी नम थीं। छठ की तैयारियां जो खुशी का प्रतीक थीं, अब शोक में बदल गईं।