Patna News: बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सैदपुर में स्थापित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पर एक करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई एसटीपी द्वारा उपचारित मल-जल की गुणवत्ता मानकों के अनुसार न होने के कारण की गई है, जिससे गंगा नदी में प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है।
सैदपुर में स्थापित एसटीपी की क्षमता 60 मिलियन लीटर प्रतिदिन है। इसका संचालन बुडको ने तोशिया वाटर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और ईएमएस इंफ्राकॉन को सौंपा है। अधिकारियों ने बताया कि अक्टूबर 2023 से जून 2024 के बीच एसटीपी द्वारा उपचारित मल-जल की गुणवत्ता की जांच की गई थी।
जांच में पाया गया कि एसटीपी से निकलने वाले उपचारित पानी में मानक के अनुसार गुणवत्ता नहीं थी। इससे गंगा नदी में खतरनाक बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ने का खतरा उत्पन्न हुआ। इस लापरवाही के लिए बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने एजेंसी पर एक करोड़, नौ लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।इस कार्रवाई का उद्देश्य गंगा नदी को प्रदूषण से बचाना और जल गुणवत्ता को सुधारना है। अधिकारियों का कहना है कि एसटीपी से उपचारित पानी को शुद्ध करके गंगा नदी में गिराने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन एजेंसी द्वारा लापरवाही बरती गई, जिसके परिणामस्वरूप यह स्थिति उत्पन्न हुई।
बहरहाल सैदपुर में नल-जल व्यवस्था को सुधारने के लिए एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की स्थापना की गई है, जिसकी क्षमता प्रतिदिन 60 मिलियन लीटर सीवेज को उपचारित करने की है। इस प्लांट की देखरेख का कार्य बुडको ने तोशिया वाटर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और ईएमएस इंफ्राकॉन को सौंपा है। बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सैदपुर के एसटीपी द्वारा उपचारित मल-जल की गुणवत्ता की जांच की, जो मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई। इसके परिणामस्वरूप गंगा नदी में प्रदूषण के बढ़ने का खतरा उत्पन्न हो गया है, जिसके चलते पर्षद ने संबंधित एजेंसी पर एक करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है।