Ex mla gulab yadav: मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी राहत! पूर्व विधायक गुलाब यादव को पटना हाईकोर्ट से जमानत

Ex mla gulab yadav: पटना हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद पूर्व विधायक गुलाब यादव को जमानत दे दी है। जानें संजीव हंस और सरकारी फंड घोटाले से जुड़े आरोपों की पूरी कहानी।

Ex mla gulab yadav
पटना हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- फोटो : social media

Ex mla gulab yadav: पटना हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक गुलाब यादव को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है। न्यायाधीश चंद्रशेखर झा की एकलपीठ ने शुक्रवार को यह आदेश सुनाया। गुलाब यादव अक्टूबर 2024 से जेल में बंद थे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें आईएएस अधिकारी संजीव हंस के साथ सरकारी फंड के दुरुपयोग और ठेकों में हेराफेरी कर अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

केस की पृष्ठभूमि ईडी की बड़ी कार्रवाई

जुलाई 2024 में प्रवर्तन निदेशालय ने गुलाब यादव और संजीव हंस के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया था।आरोप था कि सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल कर ठेकों से भारी अवैध संपत्ति बनाई गई।गुलाब यादव पर आरोप है कि वह संजीव हंस की अवैध कमाई में हिस्सेदार थे।ईडी ने 18 अक्टूबर 2024 को दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।कार्रवाई के दौरान पटना, झंझारपुर और पुणे स्थित गुलाब यादव के आवासों और ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई थी।इस कार्रवाई ने बिहार की राजनीति और प्रशासनिक जगत में हलचल मचा दी थी।

गुलाब यादव का राजनीतिक सफर

गुलाब यादव का नाम सिर्फ मनी लॉन्ड्रिंग केस की वजह से ही नहीं, बल्कि उनकी राजनीतिक यात्रा के कारण भी चर्चा में रहा है।

2015: झंझारपुर विधानसभा सीट से राजद (RJD) के टिकट पर विधायक चुने गए।

2019: झंझारपुर लोकसभा सीट से राजद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।

2020: पार्टी ने टिकट नहीं दिया, जिसके बाद उन्होंने राजद छोड़ दी।

2024: बसपा (BSP) के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा।

राजनीति में लगातार सक्रिय रहने वाले गुलाब यादव अब कानूनी पचड़े से बाहर निकलकर अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर सकते हैं।

आईएएस संजीव हंस की भूमिका

इस पूरे मामले में आईएएस अधिकारी संजीव हंस का नाम भी प्रमुखता से सामने आया। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर सरकारी फंड में हेराफेरी की और ठेकों में अनियमितताएं कीं।ईडी का कहना है कि इस अवैध कमाई में गुलाब यादव जैसे नेताओं की भी हिस्सेदारी थी। दोनों के खिलाफ गहन जांच जारी है और कोर्ट की सुनवाई आगे भी होती रहेगी।