Bihar state news: पटना हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में पश्चिम चंपारण के एसपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायाधीश बिबेक चौधरी की एकलपीठ ने सुरेश यादव की आपराधिक रीट याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। कोर्ट ने पाया कि पुलिस का उद्देश्य सच्चाई सामने लाना होना चाहिए न कि किसी व्यक्ति को झूठे केस में फंसाना।
सुरेश यादव की गिरफ्तारी और सीसीटीवी फुटेज का नष्ट होना
सुरेश यादव को 19 अप्रैल 2024 को बेतिया मुफस्सिल थाना कांड संख्या 180/2024 के तहत गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार, उनके पास से चार किलो चरस बरामद हुआ था। इस मामले में दो अन्य लोग भी गिरफ्तार हुए थे, जिन्होंने पूछताछ के दौरान सुरेश यादव का नाम लिया था। सुरेश यादव की पत्नी ने तीन मई 2024 को एक आवेदन देकर मांग की थी कि घटना स्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाए, क्योंकि उनका दावा था कि उनके पति को झूठे आरोप में फंसाया जा रहा है और फुटेज से सच्चाई सामने आ सकती है।
हाई कोर्ट की टिप्पणी और पुलिस की निष्क्रियता
कोर्ट ने पाया कि सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की मांग की गई थी, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस ने तर्क दिया कि फुटेज को एक निजी कंपनी द्वारा केवल 20 दिनों तक संरक्षित रखा जाता है और इसके बाद इसे पुनः प्राप्त करना संभव नहीं था।इस पर पटना हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की और कहा कि पुलिस अधीक्षक, बेतिया ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया और यह पुलिस की निष्क्रियता जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाती है। हालांकि, कोर्ट ने सुरेश यादव के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए।
मद्य निषेध सिपाहियों को उच्चतर प्रभार मिला
इसी बीच, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने 521 मद्य निषेध सिपाहियों को सहायक अवर निरीक्षक (एसएसआई) के पद पर वेतनमान सहित उच्चतर प्रभार दिया है। इन सिपाहियों की सेवा के सात साल पूरे हो चुके हैं और वे विहित योग्यता धारी हैं। उच्चतर प्रभार पाने वाले मद्य निषेध सिपाहियों की जल्द ही पदस्थापना की जाएगी। इस निर्णय को उत्पाद आयुक्त रजनीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित स्क्रीनिंग समिति ने मंजूरी दी है, जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग के प्रतिनिधि भी शामिल थे। विभागीय जानकारी के अनुसार, इन सिपाहियों को उच्चतर प्रभार दिए जाने से रिक्त पदों को भरने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को जल्द ही अधियाचना भेजी जाएगी।