Bihar Property seizure: बिहार में लघु खनिजों के व्यापारी समय पर सरकार को कर की अदायगी नहीं करते हैं। इन कारोबारियों पर नकेल कसने की तैयारी नीतीश सरकार ने कर दी है। बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत उन कारोबारियों की संपत्तियों को जब्त किया जाएगा जो खनिज संपदा कर का भुगतान समय पर नहीं करते हैं। यह कदम राज्य में खनिजों के उपयोग और संबंधित करों के संग्रहण को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।नीतीश सरकार ने एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया है कि बालू, ईट, पत्थर जैसे लघु खनिजों का इस्तेमाल कर समय पर जो व्यापारी कर चुकता नहीं कर रहे और जिनके खिलाफ नीलामवाद की प्रक्रिया चल रही है उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि बालू, ईंट, पत्थर जैसे लघु खनिजों का उपयोग करने वाले कारोबारी जो टैक्स का भुगतान नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पहले चरण में, विभाग द्वारा बड़े बकायेदारों की पहचान की जाएगी और उनकी संपत्तियों को सूचीबद्ध किया जाएगा।वहीं जिला स्तर पर समन्वय स्थापित करते हुए बकायेदारों की जमीन और अन्य संपत्तियों का आकलन किया जाएगा। जब्ती के लिए आवश्यक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए, संबंधित संपत्तियों को जब्त किया जाएगा।
इस निर्णय से राज्य सरकार को राजस्व प्राप्ति में मदद मिलेगी, क्योंकि कई कारोबारी लंबे समय से टैक्स चुकाने में विफल रहे हैं। इससे न केवल सरकारी खजाने को भरने में मदद मिलेगी बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि सभी कारोबारी अपने कानूनी दायित्वों का पालन करें।
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने भी एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसमें राज्यों को खनिज संपदा पर टैक्स लगाने का अधिकार दिया गया है। इससे बिहार जैसे खनिज समृद्ध राज्यों को अपने राजस्व संग्रहण में सहायता मिलेगी।