Bihar News: पटना का मोइनुल हक स्टेडियम अब बनेगा इंटरनेशनल क्रिकेट कॉम्प्लेक्स, नीतीश सरकार ने शुरु की तैयारी, आज होगी अहम बैठक
Bihar News: पटना के मोइनुल हक स्टेडियम को अब इंटरनेशनल क्रिकेट कॉम्प्लेक्स के रुप में विकसित किया जाएगा। जिसको लेकर आज खेल विभाग के साथ अहम बैठक होगी।

Bihar News: पटना के मोइनुल हक स्टेडियम के पुनर्निर्माण की योजना में बड़ा बदलाव किया गया है। अब इसे इंटरनेशनल क्रिकेट कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित किया जाएगा। पहले इसे इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम सह मल्टीपर्पस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के तौर पर बनाने की योजना थी। जिसमें एथलेटिक्स ट्रैक, फुटबॉल और अन्य खेलों के लिए भी सुविधाएं शामिल थीं। लेकिन अब पूरी तरह से क्रिकेट पर फोकस किया जाएगा।
तीन साल में पूरा होगा निर्माण कार्य
बिहार सरकार द्वारा बीसीसीआई को 30 साल की लीज पर स्टेडियम परिसर दिए जाने के बाद विशेषज्ञों की टीम ने इसका निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद इसे इंटरनेशनल क्रिकेट कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित करने पर सहमति बनी। तीन साल में निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण की अनुमानित लागत 400-500 करोड़ रुपए होगी, जबकि इसके वार्षिक रखरखाव पर 15-20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
स्टेडियम की विशेषताएं
दो अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मैदान होंगे। आईसीसी और बीसीसीआई के मानकों के अनुरूप अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग अत्याधुनिक ड्रेसिंग रूम, जिम, सपा, फिजियो रूम और भोजन सुविधाएं होंगी। दर्शकों के लिए 40,000 से 50,000 की बैठने की क्षमता होगी। पुरुषों और महिलाओं के लिए स्वच्छ पेयजल और शौचालय की व्यवस्था रहेगी। मैच अधिकारियों और खिलाड़ियों के लिए अलग प्रतिबंधित क्षेत्र होगा। 50-60 कॉरपोरेट बॉक्स की सुविधा भी दी जाएगी।
खिलाड़ियों के लिए अतिरिक्त सुविधाएं
स्विमिंग पूल और इनडोर क्रिकेट सुविधा, टेनिस कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट, फाइव स्टार होटल और खिलाड़ियों के लिए अत्याधुनिक हॉस्टल, रेस्टोरेंट, क्लब हाउस और सेमिनार/वर्कशॉप हॉल, वीडियो विश्लेषण कक्ष और फिजियोथैरेपी सुविधाएं, आधुनिक जल निकासी प्रणाली और वर्षा जल संचयन, उन्नत ड्रेनेज सिस्टम और रेत आधारित मैदान, जिससे बारिश में जलभराव न हो। मैदान में पॉप-अप और रेन गन सिंचाई प्रणाली लगाई जाएगी। एनजीटी के दिशानिर्देशों के अनुसार वर्षा जल संचयन और भंडारण प्रणाली स्थापित की जाएगी। खिलाड़ियों के प्रशिक्षण और पुनर्वास के लिए अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी की स्थापना होगी।
सुरक्षा और परिवहन सुविधाएं
मोइनुल हक स्टेडियम में खिलाड़ियों को सुरक्षा के साथ साथ परिवहन की भी सुविधाएं दी जाएगी। 31.25 एकड़ के इस परिसर की चारदीवारी होगी। प्रवेश और निकास के लिए चार मुख्य द्वार बनाए जाएंगे। बता दें कि, आज यानी 10 फरवरी को खेल विभाग के साथ बैठक होगी। जिसमें निर्माण कार्य शुरू करने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस बैठक के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि काम कब और कैसे शुरू होगा।
मोइनुल हक स्टेडियम का इतिहास
1969 में इस स्टेडियम का निर्माण हुआ था। 1976 में यहां भारत और वेस्टइंडीज की महिला टीमों के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया था। 1993 में पुरुषों का पहला वनडे (हीरो कप) जिंबाब्वे और श्रीलंका के बीच खेला गया था। 1996 क्रिकेट विश्व कप के दौरान जिंबाब्वे और केन्या के बीच मुकाबला हुआ था। पिछले दो वर्षों से यह बिहार रणजी टीम का घरेलू मैदान है। वहीं बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव राकेश तिवारी ने कहा, "मोइनुल हक स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के लिए तैयार किया जा रहा है, इसलिए इसमें कुछ जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं। इसे एक विश्वस्तरीय क्रिकेट कॉम्प्लेक्स के रूप में विकसित किया जाएगा।"