पटना-मोकामा के बीच 1300 करोड़ की लागत से बदलेगी सड़क की सूरत, सीएम नीतीश ने किया शिलान्यास, होगा निवेश और आर्थिक विकास
राजधानी पटना से मोकामा तक की पुरानी सड़क को नया रूप देने के लिए सीएम नीतीश ने 1300 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से सड़क उन्नयन की परियोजना का शिलान्यास किया है.

Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना जिले के लिए दो महत्वपूर्ण सड़क विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं के माध्यम से राज्य के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। खासकर पटना से मोकामा तक की सड़क को नया रूप मिलेगा। इसके तहत बख्तियारपुर-बाढ़-मोकामा पथ (एनएच-31 लेफ्ट आउट पोर्शन) के अथमलगोला से मोकामा बाटा चौक तक कुल 45.70 किलोमीटर लंबाई की सड़क का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण किया जाएगा। इस परियोजना पर कुल 249.881 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस सड़क के सुदृढ़ होने से पटना और आसपास के जिलों से मोकामा तक की यात्रा सुगम और सुरक्षित होगी, साथ ही क्षेत्रीय व्यापार को भी नई गति मिलेगी।
दूसरी और अधिक व्यापक परियोजना राज्य उच्च पथ संख्या-106 (पूर्व में राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-30) से संबंधित है। इस परियोजना के अंतर्गत दीदारगंज-फतुहा-बख्तियारपुर-करजान पथ का 41.270 किलोमीटर लंबा हिस्सा चार लेन में विस्तारित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी कार्य पर 1065.53 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। यह सड़क पूर्वी पटना को न केवल बेहतर यातायात सुविधा उपलब्ध कराएगी, बल्कि औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को भी जोड़ने में सहायक सिद्ध होगी।
शिलान्यास समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बिहार के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि बेहतर सड़कों से न केवल लोगों की सुविधा बढ़ती है, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति मिलती है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इन परियोजनाओं को तय समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाएगा।
इन परियोजनाओं से फतुहा, बख्तियारपुर, अथमलगोला, बाढ़, मोकामा समेत कई नगरों और ग्रामीण क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा। यातायात व्यवस्था के सुधार से न केवल लोगों की यात्रा आसान होगी, बल्कि रोजगार और निवेश के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। इस अवसर पर संबंधित विभागों के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। परियोजनाओं का क्रियान्वयन पूरा होते ही यह क्षेत्र बिहार के विकास मानचित्र पर एक नई पहचान बनाएगा।