Bihar News: राजधानी पटना में नगर निगम प्रशासन ने पहले जमीन का नक्शा पास किया फिर निगम कर्मियों को भेज कर कंस्ट्रक्शन रुकवा दिया। इस मामले के बाद पीड़ित न्याय के लिए फटक रहा है। जानकारी अनुसार हाईकोर्ट ने पीड़ित को कंस्ट्रक्शन का निर्देश दिया था। बाबजूद इसके निगम प्रशासन ने कार्य निर्माण पर रोक लगवाया है। पीड़ित का आरोप है कि कानून की अवहेलना कर निगम प्रशासन बार बार उसके मकान पर चल रहे निर्माण कार्यों को बाधित कर रहा है। जिस बाबत पीड़ित ने पटना जिला प्रशासन सहित कई वरीय अधिकारियों को इसकी लिखित शिकायत दी है।
न्यायालय के आदेश का अवहेलना
दरअसल, पटना नगर निगम आयुक्त अनिमेष परासर पर पीड़ित ने न्यायालय के निर्देश का उलंघ्न करने का आरोप लगाया है कि कागजात देख कर पहले जमीन का नक्शा पास कर दिया और बाद में नगर निगर कर्मियों को भेज कंस्ट्रक्शन का काम रुकवा दिया। जबकि हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए आदेश को भी नहीं माना जा रहा है। कागजातों के सही होने के बावजूद पीड़ित को प्रताड़ित किया जा रहा है।
नगर निगम कर रहा मनमानी
पूरा मामला कदमकुआं थाना क्षेत्र स्थित जगत नारायण रोड के रहने वाले गौतम कुमार नामक युवक से जुड़ा है। जिनके द्वारा 2023 में चार कट्ठा के प्लॉट से एक कट्ठा रजिस्ट्री कराया गया। जिसका 26 जून 2024 को नगर निगम के द्वारा प्लॉट का नक्शा पास कर दिया गया। उसके बाद 29 जून 2024 को नगर निगम प्रशासन के द्वारा कार्य निर्माण ये बोलकर बंद करा दिया गया कि ऊपर से आदेश हुआ है और कैम्पस में लाखों के रखे बालू गिट्टी समेत अन्य सामान को जब्त कर निगम प्रशासन ले गए।
24 जून को पास हुआ था नक्शा
वहीं एक अक्टूबर 2024 को नगर निगम के कर्मी रवि ने एक नोटिस दिया कि आपका नक्शा पास ही नहीं हुआ तो कैसे निर्माण कार्य करा रहे थे। इसलिए 15 दिनों में नोटिस का जवाब दीजिए जबकि नगर निगम कर्मी को बार बार यह बताया गया कि नगर आयुक्त के द्वारा ही 24 जून को नक्शा पास किया गया है। बाबजूद इसके कोई संतोषजनक जवाब नही मिला। न्याय को लेकर नगर निगम प्रशासन से लेकर कदमकुआं थाना,एसएसपी, dsp समेत मुख्यमंत्री तक का दरवाजा खटखटाया लेकिन कोई सुनने को तैयार नही हुआ।
नगर निगम के कर्मी ने सामान को किया जब्त
तब जाकर पटना हाईकोर्ट में सीडब्लूजेसी के यहां पिटिसन दाखिल किया। जिसका बाद संख्या cwjc-16607/24 है इसके आधार पर न्यायालय ने 29/10/24 को आदेश जारी किया कि पिटीशनर पर किसी तरह का एक्शन नहीं लेना है। बाबजूद इसके नगर निगम निगम प्रशासन ने न्यायालय के आदेश की उलंघ्न करते हुए 28/11/2024 को फिर से कैम्पस में रखे सारा सामान को जब्त करने चले आए।
मीडिया और पीड़ित के हस्तक्षेप
न्यायालय के आदेश को और कानून का उलंघ्न करने वाले निगम प्रशासन की भेद को खोलने के लिए मीडिया का सहारा लिया तो 28/11/2024 को समान उठाने आए निगम प्रशासन मौके से भाग खड़े हुए उसके बाद से लगातार निगम के द्वारा पीड़ित को परेशान करने का आरोप है। अब सवाल यह है कि जब न्यायालय का आदेश को शासन प्रसाशन ही उलंघ्न करने लगे तो आम लोगों का क्या होगा। अब देखना ये होगा कि इस मामले में पीड़ित को कब न्याय मिलता है ।
पटना से अनिल की रिपोर्ट