Mahashivratri 2025: मार्च के महीने में महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व होता है। शिवलिंग जो भगवान शिव का प्रतीक है। विभिन्न धातुओं और पदार्थों से निर्मित हो सकता है और प्रत्येक का अपना अलग प्रभाव और फलदायी परिणाम होता है। शास्त्र के जानकारों के अनुसार प्रत्येक धातु से बने शिवलिंग की पूजा से अलग-अलग मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानते इसके बारे में विस्तार से...
रत्नों से बने शिवलिंग और उनके प्रभाव
हीरे का शिवलिंग – आयु में वृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करता है।
मोती का शिवलिंग – मानसिक शांति और रोगों से मुक्ति दिलाता है।
वैडूर्य (कैट्स आई) का शिवलिंग – शत्रुओं के नाश और भय से मुक्ति में सहायक।
पद्मराग (माणिक्य) का शिवलिंग – धन-धान्य की प्राप्ति और समृद्धि में वृद्धि करता है।
पोखराज (टोपाज) का शिवलिंग – सुख-संपत्ति और सफलता दिलाता है।
इंद्रनील (नीलम) का शिवलिंग – यश, प्रतिष्ठा और न्याय प्राप्त करने में सहायक।
मरकत (पन्ना) का शिवलिंग – बुद्धि, वाणी और स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखता है।
स्फटिक का शिवलिंग – सबसे शुद्ध शिवलिंग, जो सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है।
धातुओं से बने शिवलिंग और उनके लाभ
चांदी का शिवलिंग – कर्मक्षेत्र में वृद्धि और व्यापार में सफलता।
सुवर्ण (सोने) का शिवलिंग – सत्यलोक का सुख और मोक्ष की प्राप्ति।
तांबे का शिवलिंग – ऊर्जा, साहस, दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करता है।
पीतल का शिवलिंग – ज्ञान, समृद्धि और संतोष प्राप्त करने में सहायक।
कांसे का शिवलिंग – शक्ति, प्रभाव, कीर्ति और यश को बढ़ाता है।
लोहे का शिवलिंग – शत्रुनाश और भय से मुक्ति दिलाता है।
शीशे का शिवलिंग – दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य का कारक।
अन्य विशेष शिवलिंग और उनके प्रभाव
गंधमय शिवलिंग – सौभाग्य में वृद्धि करता है।
हाथीदांत का शिवलिंग – नेतृत्व और सेनापत्य की प्राप्ति कराता है।
धान या अन्न से बने शिवलिंग – पुष्टि, सुख और रोगनाश करता है।
उड़द के आटे का शिवलिंग – योग्य जीवनसाथी प्राप्त करने में सहायक।
मक्खन का शिवलिंग – सुख-समृद्धि में वृद्धि करता है।
गोबर का शिवलिंग – रोगों को दूर करता है।
गुड़ से बना शिवलिंग – अन्न-धान्य की प्राप्ति में सहायक।
बांस के अंकुर का शिवलिंग – वंशवृद्धि को बढ़ावा देता है।