Bihar Sport News : पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम का होगा पुनर्निर्माण, बीसीसीआई के साथ एमओयू पर हुआ हस्ताक्षर

Bihar Sport News : पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम का होगा पुनर्

PATNA : बिहार सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को बढ़ावा देने के लिए व्यापक स्तर पर स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है। राज्य की कुल 8053 पंचायतों में से 8018 पंचायतों में जल्द ही खेल मैदान तैयार होने वाले हैं। इनमें मनरेगा योजना के तहत अब तक 3079 पंचायतों में खेल मैदानों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 5742 खेल मैदानों का निर्माण शुरू हो चुका है।बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के मुताबिक यह पहल गांवों में युवाओं को खेल गतिविधियों की ओर प्रोत्साहित करने और स्थानीय स्तर पर प्रतिभाओं को उभारने के उद्देश्य से की जा रही है। खेल मैदानों के साथ-साथ स्पोर्ट्स क्लब के गठन को लेकर भी जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। इस संबंध में  खेल प्राधिकरण को अब तक कुल 20,926 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें ग्राम पंचायतों से 9682 सामूहिक क्लब गठन और 10,380 व्यक्तिगत क्लब गठन के लिए आवेदन मिले हैं। वहीं, नगर पंचायतों से 333 सामूहिक और 531 व्यक्तिगत क्लब गठन के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं। 

स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर जोर

सभी प्रमंडलीय मुख्यालयों में अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरुप स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा रहा है। पटना के पुनपुन प्रखंड के डुमरी पंचायत में 100 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है, जिसके अधिग्रहण की कार्रवाई जारी है। वहीं, पूर्णिया और सहरसा में भी भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव भेजा गया है। प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सहरसा और पूर्णिया में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की घोषणा की थी, जिसके बाद खेल अवसंरचना के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। दरभंगा प्रमंडल में भूमि चिह्नित कर ली गई है और डीपीआर तैयार किया जा रहा है। तिरहुत प्रमंडल के लिए एमआईटी की जमीन और भागलपुर प्रमंडल के लिए तिलका मांझी विश्वविद्यालय की जमीन तय की गई है लेकिन अभी तक अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं मिला है। 

खेलो इंडिया आधारभूत अवसंरचना निर्माण

‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत राज्य के विभिन्न जिलों से अबतक 116 प्रस्ताव भेजे गये हैं, जिनकी कुल लागत लगभग 930.50 करोड़ रुपये है। ये प्रोजेक्ट केंद्र सरकार को भेजे गए हैं ताकि आगे की मंजूरी मिल सके।

प्रखंड स्तर पर बन रहे आउटडोर स्टेडियम

मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत सभी प्रखंडों में एक आउटडोर स्टेडियम के निर्माण का लक्ष्य है। इस योजना के अंतर्गत अबतक 374 स्टेडियमों को मंजूरी मिल चुकी है, जिनमें से 252 स्टेडियम पूरी तरह बन चुके हैं। वहीं, 64 स्टेडियम का निर्माण कार्य प्रगति पर है और 58 में अबतक काम शुरू नहीं हो सका है। शेष 198 प्रखंडों में से 169 ने प्रस्ताव भेजे हैं और उनमें से 61 को मंजूरी भी मिल चुकी है।

खिलाड़ियों को मिल रही छात्रवृत्ति 

राज्य के प्रतिभावान और होनहार खिलाड़ियों के लिए खेल छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है। बिहार राज्य खेल प्राधिकरण इस योजना को संचालित कर रही है। इस योजना के तहत वर्ष 2024-25 में 128 खिलाड़ियों को 7.15 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी गई है।

‘मशाल’ : सबसे बड़ी प्रतिभा खोज अभियान

बिहार में ‘मशाल 2024’ नाम से दुनिया का सबसे बड़ा खेल प्रतिभा खोज अभियान चलाया जा रहा है। इसमें सरकारी स्कूलों के बच्चों को शामिल कर 5 खेल विधाओं में प्रतियोगिता आयोजित कर उच्च कोटि के प्रशिक्षण, शिक्षण और पौष्टिक आहार दिए जाने की योजना है। इसमें अब तक लगभग 16 लाख छात्रों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। 

बिहार खेल विवि की शुरुआत

वहीं, बिहार खेल विश्वविद्यालय अब राजगीर में बनकर तैयार है। यहां शारीरिक शिक्षा, कोचिंग और शोध से संबंधित कोर्स चलाए जाएंगे ताकि प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रदेश में ही उच्च शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिल सके। यहां कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक की नियुक्ति हो चुकी है। विश्वविद्यालय को यूजीसी की मंजूरी भी मिल चुकी है।

मोइन-उल-हक स्टेडियम का होगा कायाकल्प

पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम के पुनर्निर्माण के लिए बीसीसीआई के साथ एमओयू साइन हो चुका है और इसकी मासिक समीक्षा की जा रही है।  

राजगीर में आधुनिक स्पोर्ट्स एकेडमी का निर्माण

राज्य सरकार खेल को गांव-गांव तक ले जाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। इसी के तहत राजगीर में आधुनिक स्पोर्ट्स एकेडमी का निर्माण कराया गया है, जहां एथलेटिक्स, हॉकी, कुश्ती, तैराकी, भारोत्तोलन जैसे खेलों की उच्च स्तर की ट्रेनिंग दी जा रही है लिहाजा आने वाले दिनों में बिहार विश्व खेल पटल पर भी अमिट छाप छोड़ेगा।