Patna police: NMCH डॉक्टर से मारपीट के मामले में बड़ा एक्शन!ट्रैफिक जमादार उपेंद्र साह सस्पेंड, वीडियो वायरल होने के बाद दबाव बढ़ा

Patna police: पटना में NMCH के डॉक्टर और ड्राइवर से मारपीट करने वाले ट्रैफिक जमादार उपेंद्र साह को एसएसपी ने निलंबित कर दिया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टरों और IMA के विरोध पर कार्रवाई हुई।

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SSP की बड़ी कार्रवाई!- फोटो : social media

Patna police: पटना में NMCH के डॉक्टर बीएन चतुर्वेदी और उनके ड्राइवर के साथ हुई मारपीट का मामला आखिरकार पुलिस-प्रशासन तक पहुंच गया और इस पर तुरंत कार्रवाई की गई। जेपी सेतु के पास हुई इस घटना में डॉक्टर का रास्ता रोककर उनसे हाथापाई करने वाले ट्रैफिक जमादार उपेंद्र साह को एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। यह वही उपेंद्र साह है, जिसे कुछ सप्ताह पहले एक गर्भवती महिला को स्कूटर से धक्का देने के वीडियो में भी देखा गया था, लेकिन उस समय कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

घटना के बाद जो वीडियो सामने आया, उसने पूरे बिहार में पुलिस की छवि पर सवाल खड़े कर दिए। डॉक्टर समुदाय ने इसे सीधे-सीधे सुरक्षा और सम्मान के साथ खिलवाड़ बताया। यही कारण था कि IMA और डॉक्टरों के मजबूत विरोध के बाद पुलिस को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी।

कैसे शुरू हुआ विवाद

डॉ बीएन चतुर्वेदी ड्यूटी खत्म कर अपने ड्राइवर राजकुमार के साथ जेपी सेतु से गुजर रहे थे। पुल पर भारी जाम की स्थिति थी। इसी दौरान एक ट्रक को गलत दिशा से निकालने को लेकर दारोगा उपेंद्र साह और डॉक्टर के बीच बहस छिड़ गई। बात इतनी बढ़ गई कि उपेंद्र साह ने डॉक्टर और ड्राइवर दोनों पर हमला कर दिया।ड्राइवर राजकुमार को गंभीर चोटें आईं, जबकि डॉक्टर को भी चोट लगी। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने इसका वीडियो बना लिया जो बाद में वायरल हो गया। वीडियो में पूरे घटनाक्रम की झलक साफ दिखाई देती है, जिसने मामले को और भी गंभीर बना दिया।

FIR दर्ज करने से रोका गया

मारपीट के बाद जब घायल ड्राइवर थाने पहुंचा तो उसे शिकायत दर्ज कराने से रोकने की कोशिश की गई। उसे कहा गया कि मामला मैनेज कर लिया जाएगा। यह बात बाहर आने के बाद डॉक्टर समुदाय और अधिक भड़क गया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) बिहार ने इस मामले को डॉक्टरों के सम्मान और सुरक्षा से जुड़ा बताते हुए डीजीपी से मुलाकात की और दोषी अधिकारी पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की मांग की। डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि यदि कार्रवाई न हुई तो वे व्यापक आंदोलन शुरू करेंगे।

जांच पूरी, जिम्मेदार ठहराया गया जमादार

IMA और डॉक्टर समुदाय के दबाव, वायरल वीडियो और बढ़ते जन आक्रोश को देखते हुए एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने घटना की जांच करवाई। रिपोर्ट में जमादार उपेंद्र साह को दोषी पाया गया। इसके बाद उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया गया। एसएसपी ने स्पष्ट संदेश दिया कि किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा आम जनता या डॉक्टरों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई पुलिस प्रशासन की छवि बचाने के लिए भी आवश्यक थी, क्योंकि लगातार दो वीडियो सामने आने के बाद जनता का भरोसा डगमगा रहा था।