Bihar RERA: बिहार भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने घर, प्लॉट या दुकान खरीदने वालों के लिए पंजीकृत रियल एस्टेट परियोजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करना आसान बना दिया है।रेरा ने सभी बिल्डरों और प्रमोटरों को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।इनमें से एक प्रमुख परिवर्तन क्यूआर कोड का उपयोग है, जो अब बिहार में रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। खरीदारों और विक्रेताओं के बीच जानकारी के आदान-प्रदान को सरल बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।क्यूआर कोड को मोबाइल फोन से स्कैन किया जा सकता है।प्रमोटरों और रियल एस्टेट एजेंटों के लिए क्यूआर कोड का उपयोग 1 मार्च से अनिवार्य कर दिया गया है।
क्यूआर Quick Response कोड एक प्रकार का बारकोड होता है जिसे स्मार्टफोन या अन्य उपकरणों द्वारा स्कैन किया जा सकता है। यह कोड उपयोगकर्ताओं को सीधे संबंधित जानकारी, जैसे कि प्रोजेक्ट विवरण, पंजीकरण प्रमाण पत्र, और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ों तक पहुँचने की सुविधा प्रदान करता है। इससे खरीदारों को अधिक सटीक और विस्तृत जानकारी मिलती है, जिससे वे बेहतर निर्णय ले सकते हैं।
भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) बिहार ने सभी बिल्डरों और प्रमोटरों को निर्देशित किया है कि वे अपने विज्ञापनों और परियोजना से संबंधित दस्तावेजों में क्यूआर कोड का उपयोग करें। यह आदेश न केवल प्रमोटरों पर लागू होता है बल्कि रियल एस्टेट एजेंटों पर भी लागू होता है। उन्हें भी अपने ग्राहकों को क्यूआर कोड के माध्यम से आवश्यक जानकारी प्रदान करनी होगी।
प्रमोटरों को निबंधित परियोजना से संबंधित सभी प्रकार के विज्ञापनों में क्यूआर कोड शामिल करना अनिवार्य किया गया है। इसमें समाचार पत्र विज्ञापन, सोशल मीडिया विज्ञापन, ब्रोशर, बुकिंग फॉर्म, आवंटन पत्र और परियोजना स्थल पर लगाए गए डिस्प्ले बोर्ड शामिल हैं। इस तरह की पहल से संभावित खरीदारों तक सही और ताजा जानकारी पहुँचाना संभव हो सकेगा।
यदि प्रमोटर या रियल एस्टेट एजेंट इस आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो उन पर अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना लगाना भी शामिल हो सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी पक्ष नियमों का पालन करें, रेाेरा ने स्पष्ट रूप से दंडात्मक उपाय निर्धारित किए हैं।बिहार में रियल एस्टेट परियोजनाओं में क्यूआर कोड का अनिवार्य उपयोग एक सकारात्मक कदम है जो पारदर्शिता बढ़ाता है और खरीदारों के लिए जानकारी तक पहुँचने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।