Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब अमित शाह से मिलने पहुंचे पवन सिंह, इन दिन थामेंगे बीजेपी का हाथ, सियासी सरगर्मी तेज
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह आज दिल्ली में एनडीए के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। पहले उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात किया जिसके बाद अब वो अमित शाह से मुलाकात कर रहे हैं।

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की सियासी हलचल तेज है। भोजपुरी के पावरस्टार पवन सिंह के भाजपा में घर वापसी पक्की हो गई है। आज पवन सिंह ने दिल्ली में उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। वहीं अब पवन सिंह गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं। पवन सिंह के साथ बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े और भाजपा के मंत्री ऋतुराज सिन्हा भी मौजूद हैं। अमित शाह के आवास पर सभी नेताओं की मुलाकात हो रही है।
पवन सिंह और अमित शाह के बीच मुलाकात
बता दें कि पवन सिंह सुबह सुबह दिल्ली में राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। कुशवाहा ने पवन सिंह को आशीर्वाद दिया जिसके बाद उनके भाजपा में आने का रास्ता साफ हो गया। लोकसभा चुनाव में पवन सिंह के कारण ही उपेंद्र कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा था। अब दोनों के बीच विधानसभा चुनाव के पहले सुलह की तस्वीर आने से भाजपा के लिए बड़ी राहत मानी जा रही है क्योंकि इससे पार्टी राजपूत और कुशवाहा दोनों जातियों को साधने में सफल रह सकती है।
उपेंद्र कुशवाहा से मिले पवन सिंह
पवन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात के दौरान मौजूद रहे भाजपा प्रभारी विनोद ने कहा कि पवन सिंह भाजपा में हैं और भाजपा में ही रहेंगे। उपेंद्र कुशवाहा (राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख) ने उन्हें आशीर्वाद दिया है। आगामी चुनाव में पवन सिंह भाजपा कार्यकर्ता के रूप में एनडीए के लिए सक्रियता से काम करेंगे. इस दौरान भाजपा नेता ऋतुराज सिन्हा भी मौजूद रहे। अब भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार पवन सिंह 5 अक्टूबर को औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल होंगे। पार्टी इस कदम को लेकर खासा उत्साहित है, क्योंकि पवन सिंह की लोकप्रियता और उनकी छवि चुनावी मैदान में बड़ा असर डाल सकती है।
काराकाट से लड़ सकते हैं चुनाव
गौरतलब हो कि, पवन सिंह ने पिछली बार काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरकर एनडीए को करारा झटका दिया था। उनकी बगावत की वजह से गठबंधन को सीट गंवानी पड़ी थी। इस बार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र कयास लगाए जा रहे हैं कि पवन सिंह भाजपा के टिकट पर काराकाट से ही ताल ठोक सकते हैं।