Bihar News: सुबह सुबह पीएम मोदी ने बिहार को दी बड़ी सौगात, ट्विट कर दी जानकारी, चुनावी साल में बड़ा दांव
Bihar News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह सुबह बिहार को बड़ी सौगात दी है। पीएम मोदी ने खुद ट्विट कर इसकी जानकारी दी। चुनावी साल में एनडीए सरकार की ओर से एक के बाद एक बड़ी सौगात दी जा रही है।

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार को एक के बाद एक बड़ी सौगात दी जा रही है। इसी कड़ी में आज पीएम मोदी बिहार को एक और बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। पीएम मोदी ने इसको लेकर सुबह सुबह ट्विट कर जानकारी दी है। पीएम मोदी ने कहा कि, बिहार की अपनी माताओं, बहनों और बेटियों के पास अवसरों की कोई कमी न रहे इसलिए वो कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। बता दें कि 15 सितंबर को पीएम मोदी बिहार दौरे पर भी आने वाले हैं।
पीएम मोदी ने दी बड़ी सौगात
सुबह सुबह ट्विट कर पीएम मोदी ने कहा कि, "बिहार की अपनी माताओं, बहनों और बेटियों के पास अवसरों की कोई कमी न रहे, इसके लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में आज दोपहर करीब 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्रामीण महिला उद्यमियों के लिए एक बड़ी पहल का शुभारंभ करूंगा।" दरअसल, पीएम मोदी आज 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंस से बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नए सहकारी संस्थान के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये की राशि सीधे हस्तांतरित करेंगे, जिससे इस संस्था को मजबूत वित्तीय आधार मिलेगा।
महिलाओं के लिए बड़ी सौगात
यह नया सहकारी संगठन बिहार के प्रमुख ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम ‘जीविका’ से जुड़ी महिलाओं के लिए सस्ती और सुलभ वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराएगा। इसके तहत सभी क्लस्टर-स्तरीय फेडरेशन इस संस्था की सदस्य होंगी। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त वित्तपोषण से शुरू हुई इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को उच्च ब्याज दर वाले माइक्रोफाइनेंस संस्थानों पर निर्भरता से मुक्त कराना है। जीविका निधि के जरिए महिलाओं को कम ब्याज दरों पर बड़े लोन उपलब्ध होंगे।
12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को दी जाएगी टैबलेट
पूरी प्रणाली को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संचालित किया जाएगा। इसके लिए करीब 12,000 सामुदायिक कार्यकर्ताओं को टैबलेट दिए जा रहे हैं, ताकि वे महिलाओं को वित्तीय सेवाओं तक आसान पहुंच दिला सकें। इस उद्घाटन कार्यक्रम को राज्यभर की लगभग 20 लाख महिलाएं लाइव देखेंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम महिलाओं के वित्तीय समावेशन, सशक्तिकरण और सामुदायिक उद्यमिता को नई दिशा देगा।