CM Women Employment Scheme:चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक, 21 लाखों महिलाओं को आज मिलेंगे 10-10 हजार, बिहार चुनाव से पहले NDA ने साधा ‘दीदी वोट बैंक’!

CM Women Employment Scheme: बिहार की सियासत में आज सुबह सीएम नीतीश एक बड़ा दांव खेलने वाले हैं।...

CM Women Employment Scheme
नाव से पहले सीएम नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक- फोटो : social Media

CM Women Employment Scheme: बिहार की सियासत में आज सुबह सीएम नीतीश एक बड़ा दांव खेलने वाले हैं। चुनावी नगाड़े बजने से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तीसरे चरण की शुरुआत कर 21 लाख महिलाओं के खातों में 10-10 हज़ार रुपये की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए भेज दी जाएगी। पटना स्थित ‘1 अणे मार्ग’ पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में नीतीश कुमार जारी करेंगे।  यह योजना बिहार की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में “एक ऐतिहासिक कदम” है।

यह योजना जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए शुरू की गई है, ताकि वे छोटे व्यवसाय खड़े कर अपने परिवार की आर्थिक दशा सुधार सकें। अब तक 1.21 करोड़ महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है  यानी बिहार के हर कोने में “जीविका दीदियों” के बीच नीतीश सरकार की ‘डिजिटल सौगात’ पहुंच चुकी है।

राजनीतिक हलकों में इस कदम को NDA का “महिला वोट बैंक मजबूत करने वाला मास्टरस्ट्रोक” बताया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर को इस योजना की शुरुआत की थी, जिसके तहत 75 लाख महिलाओं को पहली किस्त दी गई थी। नीतीश कुमार ने 3 अक्टूबर को दूसरे चरण में 25 लाख महिलाओं को लाभ पहुंचाया था, और अब तीसरे चरण की यह किश्त चुनावी माहौल में “सोने पर सुहागा” मानी जा रही है।

एनडीए खेमे में इस योजना को ‘ब्रह्मास्त्र’ के तौर पर देखा जा रहा है। भाजपा और जेडीयू के बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को तैनात कर दिया गया है, जो घर-घर जाकर बता रहे हैं कि “नीतीश- मोदी सरकार ने आपकी थाली में रोजगार और सम्मान रखा है।”

2020 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों से अधिक रहा था और एनडीए की जीत में महिला मतदाताओं की भूमिका निर्णायक रही थी। अब 1.21 करोड़ महिला लाभार्थियों का सीधा जुड़ाव, चुनावी समीकरणों को पूरी तरह पलट सकता है।

वहीं, महागठबंधन ने इसे “वोट खरीदने की सियासत” बताया है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने तीखा वार करते हुए कहा कि “चुनाव से पहले जनता को लालच देना, लोकतंत्र का अपमान है।” हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार की ग्रामीण राजनीति में जहां ‘जीविका दीदियों’ का प्रभाव गहरा है, वहां यह योजना एनडीए के लिए ‘गेम-चेंजर’ साबित हो सकती है।

राजनीति की ज़मीन पर इस समय नीतीश का यह कदम न सिर्फ़ आर्थिक सशक्तिकरण की मिसाल है, बल्कि चुनावी रण में ‘महिला मोर्चे’ के ज़रिए जीत की नई राह भी खोल रहा है।