बिहार विधानसभा चुनाव के पहले राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, इनके लिए कर दी बड़ी मांग

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वंचित वर्गों के छात्रों के लिए दो बड़ी मांग की है. इसमें उन्होंने बिहार के हालिया दरभंगा दौरे का भी जिक्र किया है.

Rahul Gandhi letter to PM Modi
Rahul Gandhi letter to PM Modi- फोटो : news4nation

Rahul Gandhi letter to PM Modi : राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने बिहार के उदाहरण देते हुए दलित छात्रों से जुड़े मुद्दे को उठाया है और  समस्याओं के समाधान की मांग की है. 10 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में राहुल गांधी ने अपने हालिया बिहार के दरभंगा दौरे का जिक्र किया है. राहुल गांधी ने बिहार के दरभंगा जिले स्थित आंबेडकर छात्रावास का हवाला देते हुए बताया कि वहां 6-7 छात्रों को एक कमरे में ठूंसकर रखा जाता है. छात्रावास में गंदे शौचालय, असुरक्षित पीने का पानी, भोजन की अव्यवस्था, और शैक्षणिक संसाधनों का अभाव जैसे गंभीर हालात हैं.


 लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने पत्र में लिखा है कि वंचित समुदायों के छात्रों को शिक्षा हासिल करने में आ रही समस्याओं का निवारण करने का अनुरोध किया है. उन्होंने दो महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वंचित समुदायों के 90 प्रतिशत छात्रों के लिए शिक्षा के अवसरों में बाधा है. सबसे पहले, दलित, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों के लिए आवासीय छात्रावासों की स्थिति बहुत खराब है. दूसरे मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि हाशिए पर पड़े समुदायों के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति में देरी और इसमें विफलताएं भी मिल रही हैं.


पोर्टल ठप रहने के कारण छात्रवृत्ति नहीं मिली

राहुल ने कहा, हाशिए पर पड़े समुदायों से आने वाले छात्रों को मैट्रिक के बाद सही समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है. बिहार का उदाहरण देते हुए राहुल ने अपने पत्र में दावा किया कि छात्रवृत्ति पोर्टल तीन साल तक ठप रहा। 2021-22 में किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिली.


“वंचितों का विकास ही भारत का विकास”

पत्र के अंत में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से कहा: “भारत का भविष्य तभी उज्ज्वल होगा जब वंचित समुदायों के युवा शिक्षा और अवसरों में बराबरी पा सकें. मुझे विश्वास है कि आप इन मुद्दों को गंभीरता से लेंगे. मैं आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करता हूं.”

धीरज की रिपोर्ट