Bihar News - पूर्णिया में आदिवासी परिवार के जघन्य नरसंहार की राहुल गांधी कराई जांच, पूरे गांव खाली पड़ा, नीतीश सरकार पर घटना को दबाने का आरोप

Bihar News - पूर्णिया में डायन के आरोप में आदिवासी परिवार के पांच लोगों की हत्या को लेकर राहुल गांधी ने अपनी टीम भेजकर जांच कराई है। उन्होंने पूरे मामले में नीतीश सरकार पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है।

Bihar News - पूर्णिया में आदिवासी परिवार के जघन्य नरसंहार की

Patna - बिहार के पूर्णिया में हुए आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों के जघन्य नरसंहार को हृदय विदारक बताते हुए कांग्रेस ने कहा कि जदयू-भाजपा सरकार ने प्रदेश को देश का 'क्राइम कैपिटल' बना दिया है। इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करते हुए आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर चिंता जताई और कहा कि सरकार इस भयावह घटना को दबाने का प्रयास कर रही है। 

कांग्रेस  दलित प्रकोष्ठ पहुचे पूर्णिया, पीड़ित परिवार से मिले

डॉ. भूरिया ने बताया कि लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर वे व्यक्तिगत रूप से पीड़ित परिवार से मिलने पूर्णिया गए थे, वहां उन्होंने भय का माहौल देखा और पाया कि पूरा गांव खाली पड़ा था। उन्होंने घटनास्थल की तस्वीरें दिखाईं और उस तालाब की भी, जिसमें एक व्यक्ति अपनी जान बचाने के लिए कूदा था लेकिन उसे निकालकर दोबारा आग के हवाले कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने खुद फोन पर मृतकों के परिजनों से बात की और अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उनके साथ पूरी ताकत से खड़े रहने का भरोसा दिलाया। 

जिंदा जला दिया

कांग्रेस नेता ने छह जुलाई को पूर्णिया के टेटगामा गांव में हुई इस घटना का विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि पहले परिवार के सदस्यों को पीटा गया, हाथ-पैर तोड़े गए, फिर जिंदा जला दिया गया। जब वे पूरी तरह से नहीं जले तो उन्हें तड़पने के लिए छोड़ दिया गया, फिर वापस आकर दोबारा जला दिया गया। 

डॉ. भूरिया ने कहा कि इस घटना को 200 से 250 लोगों की भीड़ ने अंजाम दिया। उन्होंने पूछा कि इस भीड़ को किसका संरक्षण था? किसने उकसाया था? उन्होंने कहा कि यह सब सामने आना जरूरी है।  उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। इसी वजह से उनका मनोबल इतना बढ़ गया है। 

कांग्रेस नेता ने बिहार में शराबबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार में न सुरक्षा मिल रही है और न पीने योग्य पानी मिल रहा है, लेकिन शराब जरूर मिल रही है। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार के घर के पास नल-जल योजना का एक हैंडपंप लगा हुआ है, लेकिन उसमें से पीने लायक पानी नहीं आता है। उन्होंने बताया कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद उन्हें घटनास्थल पर शराब की बोतलें मिलीं, जिससे पता चलता है कि लोगों ने घटना को अंजाम देने से पहले शराब पी थी। उन्होंने पूछा कि जिस राज्य में वर्षों से शराबबंदी है, यदि आज भी वहां शराब मिल रही है, तो क्या यह जंगलराज और गुंडाराज नहीं है?

डॉ. भूरिया ने कहा कि बिहार के अलावा भाजपा शासित मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी आदिवासियों पर लगातार सुनियोजित तरीके से हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों द्वारा आदिवासियों को विस्थापित किया जा रहा है और उनकी जमीनें अडानी, अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों के लिए हड़पी जा रही हैं। 

कांग्रेस नेता ने मांग की कि पूर्णिया के पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और स्थाई सुरक्षा मिले। मामले की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले। बिहार सरकार अंधविश्वास, जातीय हिंसा, मॉब लिंचिंग के लिए कठोर नियम बनाए। बिहार में शराबबंदी को सख्ती सेलागूकियाजाए।