राहुल गांधी सुबह 5 बजे जगते हैं, 10 किमी की दौड़, वोटर अधिकार यात्रा में नहीं रहते तेजस्वी के साथ, लगाते हैं 'मोहब्बत की दुकान'

17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई वोटर अधिकार यात्रा में राहुल गांधी की दैनिक दिनचर्या भी खासा चर्चा में है. उनका कंटेनर में खुले मैदान में रहना. टेंट सिटी बसाकर रहना और खान-पान खासा चर्चा में है.

 Rahul Gandhi daily routine in Voter adhikar Yatra
Rahul Gandhi daily routine in Voter adhikar Yatra- फोटो : news4nation

Rahul Gandhi : बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में करीब 65 लाख वोटरों के नाम हटाए जाने के बाद वोटर अधिकार यात्रा लेकर निकले राहुल गांधी दो चरणों की यात्रा पूरी कर चुके हैं. 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई वोटर अधिकार यात्रा का पहला विराम 20 अगस्त हुआ. वहीं दूसरा विराम सोमवार यानी 25 अगस्त को हुआ. 1 सितम्बर पर चलने वाली वोटर अधिकार यात्रा का खास चेहरा राहुल गांधी अपनी दिनचर्या को लेकर खासे चर्चा में हैं. यात्रा को लेकर एक ओर जहां इसके सियासी असर पर बात हो रही है तो दूसरी ओर राहुल गांधी के बेहद अनुशासित जीवन पर भी उनके साथ चलने वाले महागठबंधन के नेता ही बात करते हैं.  


वोटर अधिकार यात्रा में राहुल गांधी की दिनचर्या सुबह 5 बजे शुरू होती है. उसके बाद वे 10 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं. राहुल की यात्रा जिस इलाके में होती है वे वहीं की नजदीकी सड़क पर दौड़ते हैं. इस दौरान उनके साथ कोई नेता या कार्यकर्ता नहीं होता, वे सिर्फ सुरक्षाकर्मियों के साथ अपनी दौड़ पूरी करते हैं. वहीं सुबह 7 बजे तक राहुल पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं. यानी स्नान, नाश्ता करके अपनी यात्रा पर आगे बढ़ने को वे तैयार रहते हैं. इस दौरान जब तक यात्रा आगे के लिए शुरू नहीं होती वे पार्टी के कुछ नेताओं और स्थानीय कार्यकर्ताओं से भी हल्की-फुलकी बातचीत कर लेते हैं. 


बच्चों से खूब दुलार

राहुल की यात्रा में खास पहलू उनका बच्चों के प्रति प्यार-दुलार है. यात्रा के पहले दिन से ही देखने को मिल रहा है कि वे बच्चों से खूब अनुराग रखते हैं. कई मौकों पर जब राहुल की यात्रा में उनके स्वागत में बच्चे दिखते हैं तो वे अपनी गाड़ी से उतरकर भी उनके बीच चले जाते हैं. यहां तक कि बच्चों से उनकी पढ़ाई लिखाई को लेकर चर्चा भी करते हैं.


तेजस्वी से अलग रहते हैं राहुल

यात्रा के दौरान एक बड़ी बात राहुल और तेजस्वी यादव का अलग अलग रहना भी है. जहां राहुल गांधी अपने साथ चल रहे कंटेनर में बने मोबाइल बैडरूम में रहते हैं, वहीं तेजस्वी जिस शहर में यात्रा होती है वहां के होटल में रुकते हैं. हालांकि यात्रा के पहले दिन राहुल और तेजस्वी एक साथ ही मोबाइल बैडरूम वाले कंटेनर में रुके थे. यहां तक कि खाना-पीना भी दोनों का रात में दो जगह ही होता है. वहीं दोपहर के समय लगभग एक साथ ही राहुल-तेजस्वी सहित अन्य महागठबंधन के नेता भोजन करते हैं. अमूमन रात 9.30 बजे राहुल फिर से आराम करने मोबाइल बैडरूम में चले जाते हैं. 


मंदिर- रहमानी भी गए राहुल

सासाराम से "वोटर अधिकार यात्रा" का शुभारंभ करने के बाद उन्होंने औरंगाबाद ज़िले के देव स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर में पूजा-अर्चना कर बिहार की तरक्की की मंगलकामना भी की. सूर्य मंदिर पहुंचने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक स्वागत किया. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव अपनी वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मुंगेर के खानकाह रहमानी भी गए. खानकाह रहमानी सूफी संतों के रहने की जगह है. राहुल का इन जगहों पर जाना उनकी यात्रा में बिहार के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों को जानने से जोड़कर देखा जा रहा है. 


मोहब्बत की दुकान

वोटर अधिकार यात्रा का एक खास पहचान मोहब्बत की दुकान है. दरअसल, मोहब्बत की दुकान भी कंटेनर में चलता हुआ एक प्रेरक संदेशों वाला वाहन है. इसमें राहुल की यात्रा में आम लोगों के लिए आपसी भाईचारा का संदेश छिपा है. राष्ट्र के विकास के लिए एकजुटता की महत्ता का प्रचार है. और राहुल जैसा हमेशा कहते हैं 'नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं' तो उसी को कैसे साकार किया जा सकता है उसे दर्शाने की कोशिश है.