Rajaswa Maha Abhiyan: पटना में बाप-दादा की जमीन अपने नाम कराने की लगी होड़, राजस्व महा-अभियान में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
Rajaswa Maha Abhiyan: बिहार में राजस्व महा- अभियान 16 अगस्त से जारी है। इसी बीच चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पटना में बाप-दादा की जमीन को अपने नाम करने की होड़ मची हुई है।

Rajaswa Maha Abhiyan: पटना जिले में पुश्तैनी जमीन को अपने नाम से कराने की होड़ मच गई है। जिले में 17 लाख 71 हजार से अधिक किसानों की भूमि की जमाबंदी पूरी हो चुकी है। इनमें से करीब 3 लाख 34 हजार रैयत अब अपने बाप-दादा की जमीन अपने नाम कराने के लिए आवेदन कर रहे हैं। राजस्व महाअभियान के तहत जब राजस्व कर्मी गांव-गांव पहुंचे तो सामने आया कि लगभग 70 फीसदी रैयत अपनी जमीन के दस्तावेजों में सुधार कराना चाहते हैं। अब तक 62 हजार से अधिक किसानों ने पर्चा लिया है।
पुश्तैनी जमीन लेने की होड़
जिले में 1 लाख 70 हजार रैयत अंचलाधिकारी स्तर से बंटवारा चाहते हैं, जबकि लगभग 10 लाख किसानों को अपने दस्तावेजों में सुधार की आवश्यकता है। वर्तमान में 635 मौजों में परिमार्जन, बंटवारा और पुश्तैनी जमीन के अद्यतन दस्तावेज कराने का कार्य चल रहा है। पटना जिले के चार अंचलों में सबसे अधिक जमाबंदी दर्ज की गई है, जिनमें फुलवारीशरीफ में दो लाख से अधिक और दानापुर अंचल में एक लाख 33 हजार से ज्यादा जमाबंदी है। सबसे अधिक भूमि पटना सदर अनुमंडल में दर्ज है।
सबसे ज्यादा ये मामले आए सामने
एडीएम (राजस्व) पटना अनिल कुमार ने बताया कि जिले में सबसे ज्यादा मामले दस्तावेजों में सुधार से जुड़े हुए हैं। कई परिवार आपसी सहमति बनाकर अब सीधे अंचलाधिकारी के स्तर से बंटवारा और नामांतरण की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। गौरतलब हो कि बिहार में जमीन सर्वे के काम को 1 महीने के लिए रोक कर राजस्व महाभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहक अधिकारी घर घर पहुंच रहे हैं और जमीन से जुड़ी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।
ये दस्तावेज जरूरी है
परिमार्जन, सक्शेसन पार्टिसन (बाबा-दादा की जमीन की जमाबंदी अपने नाम से कराना), बंटवारा आदि कार्य के लिए लोगों को सबसे पहले आवेदन, सहमति पत्र, स्वः हस्ताक्षर का शपथ पत्र, वंशावली, भूमि रसीद आदि को देना होगा। पुरानी जमीन में खतियान जरूरी है। अंचल स्तर पर सीओ या राजस्व अधिकारियों द्वारा भूमि से जुड़े मांगे जाने वाले अन्य दस्तावेज जरूरी है।