Bihar Health News: गैंगरीन या चूहे का हमला? एनएमसीएच में चूहों ने मरीज की उंगलियां कुतरीं, अधीक्षक ने बुलाई बैठक, हाल बेहाल
Bihar Health News:एनएमसीएच एक बार फिर विवादों के घेरे में है। हड्डी रोग विभाग में भर्ती एक मधुमेह रोगी के पैर की उंगलियों को चूहों द्वारा कुतरने की चौंकाने वाली घटना ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और सफाई व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Bihar Health News: "नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एनएमसीएच), पटना, एक बार फिर विवादों के घेरे में है। हड्डी रोग विभाग में भर्ती एक मधुमेह रोगी के पैर की उंगलियों को चूहों द्वारा कुतरने की चौंकाने वाली घटना ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और सफाई व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना को लेकर अस्पताल की अधीक्षक डॉ. रश्मि प्रसाद ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश कुमार और डॉ. शंभू कुमार से मामले की विस्तृत जानकारी ली जाएगी।
डॉ. रश्मि प्रसाद ने बताया कि उन्हें अभी तक इस घटना की पूरी जानकारी नहीं मिली है। प्रारंभिक तौर पर हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष और चिकित्सकों ने उन्हें बताया कि मरीज को गैंगरीन की वजह से पैर की उंगलियों में सड़न हो रही है। हालांकि, चूहों द्वारा कुतरने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए वे इसकी जांच कराएंगी। अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, "हम इस मामले की तह तक जाएंगे। यदि लापरवाही पाई गई, तो जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।"
हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश कुमार ने स्वीकार किया कि एनएमसीएच में चूहों का आतंक लंबे समय से बना हुआ है। उन्होंने कहा, "चूहों द्वारा मरीजों को काटने की घटनाएं आए दिन हो रही हैं। यह अस्पताल की सफाई व्यवस्था और रखरखाव की कमी को दर्शाता है।" हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि मरीज को गैंगरीन की समस्या है, और चिकित्सकों ने उसके इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती। डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि रविवार को मरीज के पैर की दोबारा पट्टी और प्लास्टर किया गया है। सोमवार की बैठक में वे और उनके सहयोगी चिकित्सक अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे।
घटना को लेकर परस्पर विरोधी बयान सामने आए हैं। मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि मरीज, जिसका एक पैर पहले से काटा जा चुका है, को उचित देखभाल नहीं मिली, जिसके चलते चूहों ने उसके पैर की उंगलियों को कुतर दिया। वहीं, मरीज के बगल में भर्ती एक महिला मरीज ने दावा किया कि पैर को चूहों ने नहीं कुतरा, बल्कि यह गैंगरीन की वजह से हुआ नुकसान है। इन विरोधाभासी बयानों ने मामले को और जटिल बना दिया है।
एनएमसीएच में चूहों का आतंक कोई नई बात नहीं है। अस्पताल के कैंटीन से लेकर वार्ड तक में मोटे-मोटे चूहे बेरोकटोक घूमते देखे जा सकते हैं। मरीज, नर्सिंग स्टाफ, और यहां तक कि चिकित्सक भी इस समस्या से परेशान हैं। सफाई के लिए जिम्मेदार निजी एजेंसी पर चूहों के नियंत्रण के लिए कोई प्रभावी कदम न उठाने का आरोप है। एक नर्सिंग स्टाफ ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, "चूहे वार्ड में खुलेआम घूमते हैं। कई बार मरीजों के बिस्तर और खाने तक को नुकसान पहुंचाते हैं। यह स्थिति असहनीय हो चुकी है।