Ritlal Yadav Surrender: राजद विधायक रीतलाल यादव का रंगदारी मामले में बड़ा खुलासा, जेल जाने से पहले प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोप, हत्या की थी साजिश...
Ritlal Yadav Surrender: राजद विधायक रीतलाल यादव ने जेल जाने से पहले बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया है। रीतलाल यादव ने कहा है कि उनकी हत्या की साजिश थी पुलिस बिल्डर के साथ मिलकर उनकी हत्या कराना चाहती थी...

Ritlal Yadav Surrender: 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के मामले में नामजद आरोपी रीतलाल यादव ने गुरुवार को दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उनके साथ उनके समर्थक चीकू यादव, पिंकू यादव और श्रवण यादव ने भी कोर्ट में आत्मसर्पण किया। कुल चार लोगों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया है। कोर्ट में आत्मसर्पण करने के बाद और जेल जाने से पहले रीतलाल यादव ने बड़ा बयान दिया उन्होंने कहा कि उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है। रीतलाल यादव को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेजा गया है।
रीतलाल यादव का खुलासा
रंगदारी और धमकी देने के मामले में नामजद किए गए राजद विधायक रीतलाल यादव ने खुद पर लगे आरोपों को साजिश करार दिया है। उन्होंने साफ कहा कि यह पूरा मामला जमीन विवाद से जुड़ा है और उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है। विधायक ने कहा कि जिन प्लॉट्स को लेकर विवाद हुआ है, उनमें से प्लॉट नंबर 36, 37, 40, 41 और 48 पहले ही बिल्डरों गौरव कुमार और राकेश कुमार द्वारा खरीदे जा चुके हैं। विवाद की असली जड़ प्लॉट नंबर 38 और 39 हैं, जहां पहले से गरीब तबके के लोग रह रहे हैं और वे अपनी जमीन किसी को देना नहीं चाहते थे।
धमकी, मारपीट और दबाव का आरोप
रीतलाल यादव ने दावा किया कि गरीब लोगों को जमीन खाली करने के लिए महिला के जरिए धमकी, बाउंसरों की मदद से डराया गया और आपराधिक तत्वों के साथ मिलकर उनके साथ मारपीट तक की गई। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना के वीडियो सबूत भी मौजूद हैं, जो प्रशासन के मांगने पर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
थाने में दबाव बनाने का आरोप
राजद विधायक ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से लोगों पर दबाव बनाया गया कि वह जमीन सौंप दे, वरना उसे केस में फंसा दिया जाएगा। जब लोगों ने जमीन देने से इनकार कर दिया, तो बिल्डरों ने उसके प्लॉट को चारों ओर से करकट लगाकर घेर लिया। तब वो लोग मेरे पास आए और मुझे घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि दिपावली के समय जब वो राकेश कुमार को समझाए तो वो मामला शांत हो गया।
प्रशासन पर गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि उनके जान को खतरा है। उन्होंने कहा विरोधियोंं के द्वारा उनके ऊपर AK-47/AK-56 से हमला किया गया। प्रशासन ने विरोधियों से कहा कि रीतलाल यादव को जान से मार दो हम केस नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि, हमने अपनी जान के खतरे को देखते हुए प्राइवेट गार्ड को बढ़ाया तो पुलिस ने कहा कि आप प्राइवेट कार्ड नहीं रख सकते हैं। रीतलाल यादव ने कहा कि, जिस दिन मेरे घर पर छापेमारी हुई उस दिन प्रशासन बिल्डर के साथ मिलकर मुझे मारना चाह रही थी।
"जबरन एग्रीमेंट कराए गए, पैसे नहीं दिए"
उन्होंने दावा किया कि ओमप्रकाश, दौलत देवी और मिथिलेश कुमार से जबरन एग्रीमेंट कराया गया और एक को 5 लाख एक को 10 लाख और एक को ₹7 लाख देने की बात कही गई। लेकिन पैसे नहीं दिए गए और उन्हें फर्जी तरीके से फंसा दिया गया। विधायक ने इस पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक साजिश बताया और कहा कि सच्चाई सामने लाने के लिए वे प्रशासन से उचित जांच की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि,हम न्याय की लड़ाई लड़ेंगे और यह साबित करेंगे कि हम निर्दोष हैं।
दिव्यांशु प्रभात की रिपोर्ट