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Bihar Politics: CM नीतीश ने 18 साल में क्यों नहीं कराई जातीय गणना, हिम्मत है तो JDU-BJP अकेले लड़ें बिहार विधानसभा चुनाव, तेजस्वी के खास सांसद ने दी खुली चुनौती

Bihar Politics: राजद के राजसभा सांसद और तेजस्वी के खास ने सीएम नीतीश और बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने चुनौती दी है कि बिहार विधानसभा चुनाव JDU और BJP अकेले अकेले लड़ कर दिखाए।

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sanjay yadav open challenge to JDU BJP- फोटो : Reporter

Bihar Politics: राज्यसभा सांसद संजय यादव ने शनिवार को सीएम नीतीश और बीजेपी पर जमकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसा कौन सा काम किया है। जिससे उन्हें  "सोशल इंजीनियर" या "चाणक्य" कहा जाता है? यही नहीं संजय यादव ने डिप्टी सीएम  सम्राट चौधरी पर भी बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरक्षण को लेकर भी बिहार सरकार  को घेरा। उन्होंने सवाल उठाया कि  नीतीश कुमार 18 साल मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उन्होंने आरक्षण बढ़ाने या जाति आधारित गणना कराने का कोई प्रयास क्यों नहीं किया?

बीजेपी पर बोला बड़ा हमला 

राज्यसभा सांसद संजय यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग खुद को कर्पूरी ठाकुर का अनुयायी बताते हैं, वे यह बताएं कि क्या उनके चिंतन और विचारों का एक प्रतिशत भी भाजपा या एनडीए में दिखता है? बिहार में पहली बार आरक्षण 1978 में जननायक कर्पूरी ठाकुर ने 26 प्रतिशत लागू किया था, जिसमें अति पिछड़ों के लिए 12 प्रतिशत आरक्षित किया गया। बाद में लालू प्रसाद यादव ने इसे बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया और राबड़ी देवी की सरकार ने 2001 में इसे 18 प्रतिशत तक पहुंचाया।

सीएम नीतीश ने 18 साल में क्या किया? 

संजय यादव ने सवाल उठाया कि नीतीश कुमार 18 साल मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उन्होंने आरक्षण बढ़ाने या जाति आधारित गणना कराने का कोई प्रयास क्यों नहीं किया? तेजस्वी यादव के साथ आने पर ही यह संभव हो पाया। यदि भाजपा और जदयू कर्पूरी ठाकुर के विचारों का अनुसरण करते हैं, तो उन्होंने आरक्षण को बढ़ाने या जातीय गणना करवाने की पहल क्यों नहीं की?

भारत रत्न के बयान को लेकर भाजपा पर हमला

संजय यादव ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जब भाजपा की सरकार बनी तो भारत रत्न का मुद्दा उठाया गया। तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की थी। अगर भाजपा के नेताओं की इतनी हैसियत है, तो वे जगदेव प्रसाद और बाबू कुशवाहा को भी भारत रत्न दिलवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव और राजद लंबे समय से यह मांग करते आए हैं कि कर्पूरी ठाकुर और जगदेव प्रसाद को भारत रत्न मिलना चाहिए। संजय यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पहले समाजवादियों का विरोध किया, और अब उन्हीं को भारत रत्न देने की बात कर रही है। उन्होंने तंज कसा कि जो आज लालू यादव की आलोचना कर रहे हैं, वे 20-25 साल बाद उनकी प्रशंसा करेंगे।

सम्राट चौधरी पर टिप्पणी

संजय यादव ने सम्राट चौधरी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे कभी लालू यादव की कैबिनेट में मंत्री थे, लेकिन अब भाजपा में आकर अपनी मजबूरी में लालू यादव और राजद की आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी को अपनी राजनीतिक स्थिति बनाए रखने के लिए ऐसी बातें करनी पड़ती हैं।

नीतीश कुमार और जदयू पर सवाल

संजय यादव ने 2014 के चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने महज दो सीटें जीती थीं – एक नालंदा और दूसरी पूर्णिया। अगर जदयू और भाजपा अकेले चुनाव लड़ते, तो उनकी स्थिति और खराब होती। 2020 के चुनावों में जदयू और भाजपा साथ थे, लेकिन तब भी वे राजद से मात्र 12,756 वोटों से आगे थे। उन्होंने दावा किया कि राजद जनता के बीच जाकर काम कर रही है, जबकि विरोधी दल ठंड में बैठकर बयानबाजी कर रहे हैं।

सीएम के विचारधारा से समझौता नहीं

नीतीश कुमार ने ऐसा कौन सा काम किया है, जो उन्हें "सोशल इंजीनियर" या "चाणक्य" कहा जाता है? जमीनी हकीकत का एहसास होने का दावा किया जाता है, लेकिन उनका कौन सा क्रांतिकारी कार्य इसे साबित करता है? यदि आज तेजस्वी यादव बीजेपी के साथ हाथ मिला लें और मुख्यमंत्री बन जाएं, तो क्या उन्हें भी "सोशल इंजीनियर" और "चाणक्य" कहा जाएगा? नहीं, क्योंकि हम अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करते। नीतीश कुमार का जो अनैतिक और मर्यादाहीन राजनीतिक आचरण रहा है, उसे कर्पूरी ठाकुर जैसे सिद्धांतवादी नेता कभी समर्थन नहीं करते। उनका विचार और सिद्धांतहीन राजनीति का तरीका समाजवाद की मूल भावना से मेल नहीं खाता।

पटना से रंजन की रिपोर्ट

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