Land For Job Scam: लालू यादव को लैंड फॉर जॉब मामले में मिलेगी राहत? दिल्ली हाईकोर्ट में राजद सुप्रीमो की याचिका पर हुई सुनवाई, जानिए क्या क्या हुआ..?

Land For Job Scam: राजद सुप्रीमो लालू यादव ने दिल्ली हाईकोर्ट में सीबाआई द्वारा दर्ज एफआईआर और दाखिल चार्जशीट को रद्द करने को लेकर याचिका दायर की थी। इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई...

लालू यादव
दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई- फोटो : social media

Land For Job Scam: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चर्चित ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने लालू यादव की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस याचिका में उन्होंने सीबीआई द्वारा दर्ज FIR और दाखिल चार्जशीट को रद्द करने की मांग की है। अगल हाईकोर्ट राजद सुप्रीमो के याचिका के पक्ष में फैसला सुनाता है तो लालू यादव को बड़ी राहत मिल सकती है। 

लालू के वकील की दलील 

लालू यादव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी कि सीबीआई ने जांच शुरू करने से पहले संबंधित प्राधिकार से आवश्यक अनुमति नहीं ली। उन्होंने कहा कि यह संविधान और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। सिब्बल ने बताया कि बाकी आरोपियों के खिलाफ तो अनुमति ली गई थी, लेकिन लालू यादव के मामले में यह प्रक्रिया नजरअंदाज की गई। सिब्बल ने यह भी कहा कि वर्ष 2004 से 2009 के बीच कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी और क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई थी। बावजूद इसके 2020 में अचानक एक नई FIR दर्ज की गई जो कि लालू यादव को "राजनीतिक प्रताड़ना" का शिकार बनाने जैसा है।

लालू यादव ने पद का किया दुरुपयोग

वहीं सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया। वकील ने कहा कि मंत्री के करीबियों ने रेलवे में नौकरी दिलवाने के बदले में जमीनें हासिल कीं। यह साफ तौर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PC Act) के तहत अपराध है और इसमें धारा 19 के तहत अनुमति की आवश्यकता नहीं थी। CBI ने बताया कि 10 अक्टूबर 2022 को 'लैंड फॉर जॉब' मामले में 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच रेलवे में ग्रुप-डी पदों पर भर्तियों में अनियमितताएं की गईं। लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और अन्य परिजनों के नाम भी आरोपियों में शामिल हैं।

क्या है ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला?

 रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी देने के बदले निजी लाभ के लिए लोगों से जमीन ली। कई मामलों में बेहद कम कीमत पर जमीन ट्रांसफर करवाई गई, जो बाद में उनके परिजनों या सहयोगियों के नाम पर दर्ज हुईं। यह संदेहास्पद लेन-देन भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है।

अब निगाहें हाई कोर्ट के फैसले पर

लालू यादव की यह याचिका उनके और उनके परिवार के लिए कानूनी दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है। यदि हाई कोर्ट CBI की चार्जशीट को खारिज करता है तो यह लालू यादव के लिए बड़ी राहत होगी। हालांकि, अगर कोर्ट याचिका खारिज करता है, तो मामला ट्रायल की दिशा में तेजी से आगे बढ़ेगा।