आरके सिंह के बगावती तेवर से भाजपा को होगा बड़ा नुकसान, राजपूत जाति को गोलबंद करने की शुरू हुई तैयारी
आरके सिंह ने पिछले दिनों ही पवन सिंह से मुलाकात की थी. अब पीके के सुर में सुर मिलाकर उन्होंने फिर से पार्टी को एक तरह से सख्त संदेश दिया है कि अगर उनकी बातों को गम्भीरता से नहीं लिया गया तो इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

RK Singh : आरा से लोकसभा सदस्य रहे आरके सिंह ने बिहार चुनाव के पहले भाजपा को मुश्किलों में डाल दिया है. राजपूत जाति से आने वाले आरके सिंह को पिछले लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. इसका एक कारण भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह का भाजपा से बगावत कर काराकाट से चुनाव लड़ना माना गया. इससे राजपूत जाति में भाजपा के प्रति आक्रोश माना गया. ऐसे में अब फिर से आरके सिंह ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर सवाल उठाकर पार्टी की चिंता बढ़ा दी है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर ने दिलीप जायसवाल पर एक हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि जायसवाल ने एक मेडिकल कॉलेज पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया है। उन्हें इसका जवाब देना चाहिए, वरना, उन्हें बता दें कि उनके पास कोई जवाब नहीं है। अगर उनके पास कोई जवाब है, तो उन्हें मानहानि का मुकदमा दायर करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर बार-बार कहते हैं कि सम्राट चौधरी सातवीं फेल हैं। उन्हें अपनी मैट्रिक और ग्रेजुएशन की डिग्री दिखानी चाहिए। इससे सरकार और पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं. गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने हाल ही में सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल, संजय जायसवाल, मंगल पांडेय सहित नीतीश के मंत्री अशोक चौधरी को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. अब इसी मामले में आरके सिंह ने पार्टी के नेताओं पर सवाल उठाया है.
इतना ही नहीं आरके सिंह ने कहा कि जदयू नेता भगवान सिंह कुशवाहा ने 8-9 हत्याएँ कीं। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो पहले राजद से हमारे खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। वह वर्तमान में जदयू में हैं और जदयू ने उन्हें एमएलसी बनाया है। हमने सुना है कि पार्टी उन्हें टिकट देने वाली है, इसलिए हमने संजय झा से कहा कि अगर आप उन्हें टिकट देंगे, तो हम उनका विरोध करेंगे। इसी तरह, हमने सुना है कि राधा चरण शाह, जो एक जाने-माने ड्रग माफिया हैं, को टिकट मिलने वाला है, इसलिए हमने कहा, अगर आप उन्हें टिकट देंगे, तो हम उनका विरोध करेंगे।
आरके सिंह ने पिछले दिनों ही पवन सिंह से मुलाकात की थी. अब पीके के सुर में सुर मिलाकर उन्होंने फिर से पार्टी को एक तरह से सख्त संदेश दिया है कि अगर उनकी बातों को गम्भीरता से नहीं लिया गया तो इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा. खासकर जदयू नेताओं को लेकर विरोध करने की बातें कहकर उन्होंने अभी से मंशा स्पष्ट कर दी है कि वे बड़ा खेला चुनाव में कर सकते हैं. पवन सिंह से हुई उनकी मुलाकात को राजपूत समाज को गोलबंद करने की रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है. ऐसे में आरके सिंह अब भाजपा और एनडीए की मुश्किलें बढ़ाने वाले नेताओं को शामिल होते दिख रहे हैं.