Sanjeev Mukhiya: NEET UG 2024 पेपर लीक में चौंकाने वाला खुलासा! ‘पेपर माफिया’ संजीव मुखिया के कबूलनामे से सीबीआई स्तब्ध, DIG साहेब के रिश्तेदार भी शिकंजे में
Sanjeev Mukhiya: देश की सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG 2024 एक बार फिर विवादों के भंवर में फंस गई है। 5 मई 2024 को आयोजित इस परीक्षा के पेपर लीक कांड ने न केवल शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं

Sanjeev Mukhiya: देश की सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG 2024 एक बार फिर विवादों के भंवर में फंस गई है। 5 मई 2024 को आयोजित इस परीक्षा के पेपर लीक कांड ने न केवल शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि CBI की गहन जांच में हुए खुलासों ने पूरे सिस्टम को हिलाकर रख दिया है। पेपर लीक के कथित मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के कबूलनामे ने यह साबित कर दिया है कि यह कोई छोटी-मोटी धांधली नहीं, बल्कि एक संगठित और गहरे तक फैले पेपर माफिया नेटवर्क का हिस्सा है, जिसमें बड़े-बड़े नाम शामिल हैं।
गोधरा: पेपर लीक का केंद्र बिंदु
CBI को दिए अपने बयान में संजीव मुखिया ने सनसनीखेज खुलासा किया कि परीक्षा के दिन वह गुजरात के गोधरा में मौजूद था। गोधरा का जय जलाराम स्कूल, जहां से NEET UG 2024 का पेपर लीक होने की बात सामने आई, वहां से संजीव महज 1.5 किलोमीटर की दूरी पर था। यह खुलासा न केवल उसकी संलिप्तता की ओर इशारा करता है, बल्कि उसकी मंशा और इस पूरे खेल में उसकी सक्रिय भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करता है। CBI के सूत्रों के अनुसार, संजीव ने यह भी स्वीकार किया कि उसका नेटवर्क इस लीक को अंजाम देने में पूरी तरह से संगठित था।
DIG रैंक के अफसर का रिश्तेदार भी पेपर माफिया के जाल में!
CBI की जांच में एक और हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है। पेपर लीक के इस नेटवर्क में एक DIG रैंक के पुलिस अधिकारी का रिश्तेदार, विभोर आनंद, भी शामिल था। विभोर का काम अभ्यर्थियों और उनके माता-पिता से संपर्क स्थापित करना और पेपर लीक की डील को फाइनल करना था। वह अभ्यर्थियों को वडोदरा के परशुराम राय से मिलवाता था, जो एक शिक्षा सलाहकार और वीजा कंसल्टेंट के रूप में काम करता है।
परशुराम राय अभ्यर्थियों को यह भरोसा दिलाता था कि वे परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र देख सकेंगे। इसके बदले में वह लाखों रुपये की डील करता और विभोर को मोटा कमीशन मिलता था। CBI और गुजरात पुलिस की SIT ने इस मामले में अब तक जय जलाराम स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा, शिक्षक तुषार भट्ट, परशुराम राय, दलाल आरिफ वोहरा और बिहार निवासी विभोर आनंद को गिरफ्तार किया है। खास बात यह है कि विभोर को उसके दरभंगा स्थित ससुराल से गिरफ्तार किया गया, जिसने इस मामले को और भी सनसनीखेज बना दिया।
संजीव मुखिया का विशाल अंतरराज्यीय नेटवर्क
CBI के सूत्रों ने बताया कि संजीव मुखिया का पेपर लीक नेटवर्क केवल गुजरात तक सीमित नहीं है। यह बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे कई राज्यों में फैला हुआ है। संजीव न केवल प्रश्नपत्र लीक करने का काम करता है, बल्कि इन्हें सिस्टम के भीतर तक पहुंचाने का एक सुनियोजित तंत्र भी विकसित कर चुका है। उसका नेटवर्क इतना मजबूत है कि वह शिक्षा माफिया के साथ-साथ प्रशासनिक और पुलिस तंत्र के कुछ लोगों के साथ भी जुड़ा हुआ है।
CBI के अनुसार, संजीव को अब गोधरा मामले में गहन पूछताछ के लिए अहमदाबाद ले जाया जा सकता है। जांच एजेंसियां इस नेटवर्क की गहराई तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस जाल में और कौन-कौन शामिल है।
शिक्षा व्यवस्था पर गहराता संकट
NEET UG 2024 पेपर लीक कांड ने देश की शिक्षा व्यवस्था में गहरे तक घुसे भ्रष्टाचार को उजागर किया है। यह पहली बार नहीं है जब NEET जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा विवादों में आई है, लेकिन इस बार जिस तरह से संगठित नेटवर्क और बड़े नाम सामने आए हैं, उसने स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। पेपर लीक के इस खेल ने लाखों मेहनती छात्रों के भविष्य को दांव पर लगा दिया है और अभिभावकों के बीच अविश्वास की भावना को जन्म दिया है।
आगे क्या?
CBI और गुजरात पुलिस की SIT की संयुक्त जांच अभी जारी है। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। संजीव मुखिया के कबूलनामे और गिरफ्तार किए गए लोगों के बयानों के आधार पर जांच एजेंसियां इस नेटवर्क के और करीब पहुंच रही हैं। सवाल यह है कि क्या इस जांच से शिक्षा माफिया का पूरी तरह खात्मा हो पाएगा? या फिर यह केवल कुछ चेहरों को बेनकाब करके खत्म हो जाएगा?