कड़ाके की ठंड: 'जब बच्चे नहीं तो शिक्षक क्यों?', अब गुरुजनों ने भी की स्कूल से छुट्टी की मांग
शीतलहर के कारण बच्चों के लिए स्कूल बंद होने के बाद अब शिक्षकों ने भी अवकाश की मांग की है। शिक्षक संगठनों का तर्क है कि जब छात्र स्कूल नहीं आ रहे, तो शिक्षकों को बुलाना अमानवीय है और उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
Patna --- उत्तर भारत समेत पूरे बिहार में जारी भीषण शीतलहर और कड़ाके की ठंड ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रशासन द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए स्कूलों में पठन-पाठन पर रोक लगाए जाने के बाद अब शिक्षक संगठनों ने शिक्षकों के लिए भी अवकाश की मांग तेज कर दी है। शिक्षकों का कहना है कि हाड़ कंपाने वाली इस ठंड में खाली स्कूलों में बैठकर औपचारिकता निभाना व्यावहारिक नहीं है।
"शिक्षकों की सुरक्षा भी है जरूरी"
परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय संगठन प्रभारी लखन लाल निषाद ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, "जब ठंड के कारण विद्यालयों में पढ़ाई स्थगित है और छात्र घर पर हैं, तो शिक्षकों को स्कूल बुलाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता। शिक्षक भी इंसान हैं और शीतलहर का असर उनके स्वास्थ्य पर भी उतना ही पड़ता है जितना बच्चों पर।"
औपचारिक उपस्थिति पर उठाए सवाल
शिक्षक संगठनों का आरोप है कि जनवरी माह में कई जिलों में अलग-अलग तिथियों तक स्कूल बंद हैं, लेकिन शिक्षकों को जबरन स्कूल में उपस्थित रहने को मजबूर किया जा रहा है। संगठनों ने मौसम विभाग की चेतावनी का हवाला देते हुए कहा कि जनवरी के पहले सप्ताह तक स्थिति और गंभीर हो सकती है। ऐसे में बुजुर्ग और पहले से बीमार शिक्षकों के लिए लंबी दूरी तय कर स्कूल पहुंचना जोखिम भरा साबित हो रहा है।
सरकार और प्रशासन से गुहार
संघ ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव से अपील की है कि बच्चों की छुट्टियों की अवधि में ही शिक्षकों को भी कार्यमुक्त किया जाए। वहीं, आपदा की स्थिति में शिक्षकों के स्वास्थ्य की अनदेखी न की जाए। जिलाधिकारियों को इस संबंध में तत्काल आवश्यक निर्देश जारी करने को कहा जाए।
प्रशासन के फैसले का इंतजार
फिलहाल शिक्षा विभाग ने इस मांग पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन जिस तरह से ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है, शिक्षक संगठनों का दबाव सरकार पर बढ़ता जा रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन शिक्षकों को राहत देता है या उन्हें इसी कड़ाके की ठंड में स्कूल जाना जारी रखना होगा।