SDM raids Office: मोगलचक गांव, करीमनगर पंचायत में एसडीएम विकास पडिय की अगुवाई में मंगलवार को एक अवैध समानांतर अंचल कार्यालय पर छापेमारी की गई। छापेमारी में आरोपी उमेश राय द्वारा अपने निजी मकान में चलाए जा रहे इस अवैध कार्यालय से 10 बोरा से अधिक सरकारी कागजात बरामद किए गए। इसके साथ ही नकद 22,500 रुपए और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इस छापेमारी ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है।
कैसे चला अवैध समानांतर अंचल कार्यालय?
सूचना के अनुसार, आरोपी उमेश राय कई वर्षों से अपने निजी मकान में अवैध रूप से एक समानांतर अंचल कार्यालय चला रहा था। इस कार्यालय से सरकारी कामों को तेजी से निपटाने का झांसा देकर भूसर्वेक्षण और अन्य जमीन से संबंधित मामलों में काफी रुपये वसूले जा रहे थे। स्थानीय लोग इस कार्यालय पर विश्वास इसलिए करते थे क्योंकि वहां काम तेजी से हो जाते थे, जबकि सरकारी कार्यालयों में लंबी प्रक्रिया होती थी।
छापेमारी में मिले दस्तावेज और नकद
छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने 10 बोरा से अधिक सरकारी दस्तावेज जब्त किए। इन दस्तावेजों में सरकारी अंचल कार्यालय से संबंधित महत्वपूर्ण कागजात भी शामिल थे, जो आम तौर पर सरकारी कार्यालयों में होने चाहिए थे। इसके साथ ही, कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य उपकरण भी जब्त किए गए हैं, जिनका उपयोग इन अवैध कार्यों में किया जा रहा था।
उमेश राय की गिरफ्तारी और जांच
आरोपी उमेश राय को पुलिस ने मौके से गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही, आरोपी के कई बैंक खातों की भी जांच की जा रही है, ताकि घोटाले में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा सके। स्थानीय प्रशासन इस पूरे मामले की गहन जांच कर रहा है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों की भी संलिप्तता का संदेह जताया जा रहा है।
आम जनता में हर्ष, घोटाले की व्यापकता
इस छापेमारी से क्षेत्र में वर्षों से चल रहे दोहन और शोषण से पीड़ित आम लोगों में हर्ष है। बताया जा रहा है कि आरोपी उमेश राय और उसके गिरोह ने भूसर्वेक्षण और अन्य सरकारी कामों के आड़ में भारी मात्रा में रुपये वसूले। लोगों का भरोसा इस बात पर था कि सरकारी कर्मियों से जो काम नहीं हो पाते थे, उसे यह गिरोह मिनटों में पूरा कर देता था।
एसडीएम की ओर की गई छापेमारी
मोगलचक गांव में एसडीएम की ओर की गई इस छापेमारी ने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। अवैध समानांतर अंचल कार्यालय से सरकारी दस्तावेजों की बरामदगी से यह साफ है कि सरकारी कामों में भ्रष्टाचार और घोटाला लंबे समय से चल रहा था। अब देखना होगा कि जांच में कौन-कौन से और नाम सामने आते हैं और इस घोटाले के कितने परत खुलते हैं।