Bihar News : पटना में धूमधाम से मनाया गया श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी का आविर्भाव दिवस, सत्संग सहित कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

Bihar News : श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी का आविर्भाव दिवस पटना में धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर सत्संग सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.....पढ़िए आगे

Bihar News : पटना में धूमधाम से मनाया गया श्री श्री ठाकुर अन
अनुकूलचंद्र जी का आविर्भाव दिवस- फोटो : VANDANA

PATNA : मानव जीवन के अस्तित्व को बचाने एवं उसके उद्धार एवं वृद्धि  हेतू ताल नवमी, 1888 को प्रातः 7 बजकर 5 मिनट को युग पुरूषोत्तम परमप्रेममय श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी का पबना जिला के पवित्र धरातल पर आविर्भाव हुआ, जो वर्तमान में बांग्लादेश मे मौजूद है। बारह मास गर्भ में रहने के पश्चात उनके आर्विभाव के समय उनके शरीर से इतनी तेज रौशनी निकल रही थी की आस पास के लोगों को घर में आग लगने का संदेह हुआ। देखने पर पता चला की एक बच्चा जन्म के समय मुस्कुरा रहा है। उनके एवं उनके माता के दर्शन के लिए सांधु संन्यासियों का तांता लगा रहता था। खेल-खेल में विषाक्त गोलियों का गरलपान, मात्र 3 वर्ष की आयु में मुख से निकली बातों का भविष्यवाणीयों में परिवर्तित होना, मास्टर जी द्वारा "एक और एक दो" पढ़ाने पर यह कहकर नहीं समझना कि दो सामान वस्तु दुनियाँ में नहीं है फिर किसका योग करूँ। उनके दूरदर्शिता, आध्यात्मिकता एवं उनमें अंतर्निहित देव भाव को परिपुष्ट करता है। 

कीर्त्तन के भावावेश में उनकी अद्भुत अवस्था होती थी। जिसकी कल्पना भी हम नहीं कर सकते। अनेक तरह के आसन होते, शरीर चेतना शून्य हो जाता, घंटो श्वास यंत्र एवं हृदय क्रिया बंद रहती, इत्यादि अनेक लीलाएं उन्होंने दिखाए। 2 सितंबर 1946 को ठाकुर जी पबना, बांग्लादेश को छोड़ देवघर, झारखंड को आ गए। सत्संग का मुख्य केंद्र जो की देवघर, झारखंड में उपस्थित है और वर्तमान में पूजनीय श्री श्री आचार्यदेव पुरूषोत्तम के जीवन्त वैभव बन कर असंख्य लोगों को उन्नयनमुखी प्रत्याशाहीन सेवा-कार्य करने के लिए उत्साहित करते हैं। 

आज के शुभ अवसर पर पटना सत्संग विहार, कंकड़बाग, पटना में श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी का आविर्भाव दिवस को मनाया गया, जिसमें सर्वप्रथम प्रातः काल 4:05 बजे प्रभात फेरी एवं कीर्तन के साथ आरंभ हुआ। जिस से सत्संग विहार मंदिर का परिसर एवं कंकड़बाग का क्षेत्र कीर्तन के ध्वनि एवं भाव से मंत्रमुग्ध एवं आलौकित हो उठा एवं 7:05 बजे जन्म लगन की शुभ वेला में शंख ध्वनि के साथ सामूहिक प्रार्थना हुई और विभिन्न धर्म ग्रन्थ जैसे श्री श्री ठाकुर जी के द्वारा हस्तलिखित सत्यानुसरण, नारी नीति, भागवत गीता, रामचरितमानस, गुरु ग्रन्थ साहिब, कुरान एवं बाइबिल का पाठ हुआ। आज युवक एवं युवतियां  धोती, कुर्ता, साड़ी इत्यादियों से सज कर ठाकुर जी के प्रेम में विभोर हुए नज़र आए। जिसके बाद समय 8:30  बजे से युवाओं ने सत्संग का आरंभ किया। जिसमें आए हुए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के हृदयों को भजन एवं कीर्तन से युवाओं ने ठाकुर जी प्रेम के रंग में रंग डाला। 

श्रद्धालुओं की चेहरे आनंद से चमकने लगे। जिसके बाद भक्त गण ने ठाकुर जी के जीवन एवं दर्शन पर प्रकाश डाला एवं भिन्न भिन्न विषयों जैसे गुरु की जीवन में प्रयोजनियता, किस प्रकार हम ठाकुर जी को धारण करके जीवन के कर्मक्षेत्र एवं कैरियर में सुगमता से सफलता हासिल कर सकते है। धर्म एवं विज्ञान किस प्रकार एक दूसरे से समन्वित है। मानव अस्तित्व का रक्षण एवं वर्धन इत्यादि अनेक विषयों पर चर्चा हुईं।  मेडिकल कैंप एवं मुफ्त शिविर भी लगाए गए। जिसमें अनेक लोगों का इलाज किया गया एवं ठाकुर जी द्वारा बताए गए सदाचार के नियमों से सबको अवगत कराया गया। भंडारे का भी प्रबंध किया गया था। जिसमें हजारों की संख्या में भक्त गण ने प्रसाद ग्रहण किया।

वंदना की रिपोर्ट