पहले चरण में कैसे हुआ रिकॉर्डतोड़ वोटिंग, वोटरों का उत्साह या यह है वजह, जानें कैसे बदली स्थिति

पहले चरण में कैसे हुआ रिकॉर्डतोड़ वोटिंग, वोटरों का उत्साह य

Patna - बिहार चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के आंकड़े हैरान करनेवाले हैं। जो कि बिहार चुनाव में पिछले सात दशक में नहीं हुआ। वह इस बार हो गया है। पहले चरण में 65 परसेंट से ज्यादा वोटिंग हुई है। इससे पहले 2000 में 62 परसेंट वोटिंग हुई थी। जो अब टूटता नजर आ रहा है। अब सवाल यह है कि चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव में कुछ खास काम किया या वोटर्स ने चुनाव में उत्साह दिखाया। 

बिहार विधानसभा 2025 को 2020 से जोड़कर देखें तो यह स्थिति स्पष्ट हो जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में 57 परसेंट वोटिंग हुई थी। जबकि उस समय 7.89 करोड़ वोटर्स थे। जबकि इस बार स्थिति दूसरी है
 बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग के एसआईआर के कारण वोटर्स की संख्या में कमी आई। इस बार सिर्फ 7.42 करोड़ मतदाता हैं। मतलब कि इस बार 47 लाख  वोटर्स घट गए हैं। 

अब चुनाव आयोग के वोटिंग परसेंट का आंकड़ा 7.42 करोड़ के वोटर्स पर तय किया है। जिसके कारण परसेंट का आंकड़ा बढ़ गया। 

यह आंकड़ा पुनरीक्षित मतदाता सूची के आधार पर हुए मतदान का है। सही आंकड़ा दूसरे चरण के मतदान के बाद सामने आएगा कि वोटरों की संख्या कम होने के कारण 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में कितने कम या अधिक वोट पड़े।

बिहार आए प्रवासी भी बड़ी वजह

बिहार चुनाव छठ के त्योहार के ठीक बाद होना भी पहले चरण के वोटिंग बढ़ने का  कारण हो सकता है। दूसरे राज्यों से आनेवाले कई लोग अभी   वापस नहीं लौटे हैं। क्योंकि उन्हें वोट देना था। यह भी वोटिंग परसेंट बढ़ने की वजह मानी जा रही है।