Patna news - 30 करोड़ की लागत से बना अत्याधुनिक ड्रग और फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी तैयार, अब तुरंत मिलेगी खाद्य पदार्थों और दवाओं की रिपोर्ट
Patna news - बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं में आज बड़ी उपलब्धि मिली है। पटना में 30 करोड़ की लागत से बना अत्याधुनिक ड्रग और फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी का आज उद्घाटन किया गया है। यहां 28 प्रकार की टेस्टिंगं की जा सकेगी।

Patna - बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय तथा बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने आज अगमकुआँ, पटना स्थित बिहार संयुक्त खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला में नव-अधिष्ठापित औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला अत्याधुनिक मशीन/उपकरण अनुभाग का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंगल पाण्डेय ने कहा कि यह 14 करोड रुपए की लागत से बनाया गया है। इसमें 28 प्रकार के आधुनिक जांच उपकरण स्थापित किए गए हैं। आज जिस प्रकार से ड्रग टेस्टिंग लैबोरेट्री की स्थापना की गई, उसी प्रकार से तीन माह पूर्व फूड टेस्टिंग लेबोरेटरी की भी स्थापना 16 करोड़ की लागत से की गई है। इस प्रकार ड्रग टेस्टिंग लेबोरेटरी और फूड टेस्टिंग लैबोरेटरी के लिए तीन माह में 30 करोड़ की लागत से इस संस्थान में ये सारी व्यवस्थाएं शुरू की गई हैं।
नया भवन बनाने की घोषणा
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने यह भी ऐलान किया कि बिहार संयुक्त खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला परिसर में 30 करोड रुपए की लागत से नया भवन बनाया जाएगा। जिसका डीपीआर तैयार कर लिया गया है। यह नया भवन जी प्लस 5 फ्लोर का होगा। जिसमें मीटिंग रूम, कॉन्फ्रेंस हॉल, रिकॉर्ड रूम, सैंपल कलेक्शन रूम, फैकल्टी रूम, लाइब्रेरी, किचन के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध होगी।
मंगल पांडेय ने इस अवसर पर कहा कि आज बिहार ने 4 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। 4 करोड़ आयुष्मान कार्ड में से 3.10 करोड़ आयुष्मान कार्ड पिछले 1 साल 3 महीने में ही बनाए गए हैं। इसमें 3 लाख वय वंदना कार्ड बनाए गए हैं। बिहार आयुष्मान कार्ड बनाने में देश में तीसरे नम्बर पर पहुंच गया हैं।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की हर क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है। विभाग का लक्ष्य न केवल गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित करना है, बल्कि औषधियों की गुणवत्ता की जांच और निगरानी को भी विश्वसनीय एवं वैज्ञानिक आधार देना है। उन्होंने कहा कि 28 प्रकार के उपकरण जो यहां लगाए गए हैं उन उपकरणों का अब पूरे तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा। यह प्रयोगशाला केवल एक भवन के अंदर रखे उपकरण ही नहीं है, बल्कि अब यह भवन बिहार के 13 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा और भविष्य की गारंटी भी है।
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि बिहार के गरीबों को बेहतर चिकित्सा सेवा मल रही है। आज मुझे बहुत खुशी है स्वास्थ्य विभाग गरीबों को इस प्रकार की सेवा देने में सफल हो रहा है। यहां यह ड्रग लेबोरेटरी में 28 उपकरणों की मदद से गुणवत्तापूर्ण दवाइयां देने में सफल होंगे। नव-स्थापित आधुनिक मशीनों एवं उपकरणों से युक्त यह अनुभाग दवाओं की गुणवत्ता जांच की प्रक्रिया को और अधिक तेज, सटीक और पारदर्शी बनाएगा। इससे न केवल राज्य में प्रयुक्त औषधियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि जनस्वास्थ्य की दिशा में भी एक मजबूत आधार तैयार होगा।
इस अवसर पर श्रीमती सीता साहू, मेयर, नगर निगम पटना, श्री प्रत्यय अमृत, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग, श्री निलेश रामचंद्र देवरे, प्रबंध निदेशक, बीएमएसआईसीएल, श्री शशांक शेखर सिन्हा, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति, श्री अमिताभ सिंह, माननीय स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव के साथ स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।