Contract workers strike: बर्खास्त विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों की हड़ताल खत्म होने की खबर फर्जी, 'मुख्य सचिव से कोई आधिकारिक आश्वासन नहीं दिया गया' -राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
बर्खास्त विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों की हड़ताल समाप्त हो गई और उनके मांगों को जायज ठहराते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, वह पूरी तरह भ्रामक और असत्य निकली।...

Contract workers strike: हाल ही में कुछ समाचार पत्रों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रकाशित खबर जिसमें दावा किया गया था कि मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद बर्खास्त विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों की हड़ताल समाप्त हो गई और उनके मांगों को जायज ठहराते हुए कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, वह पूरी तरह भ्रामक और असत्य निकली।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह समाचार तथ्यहीन है। दरअसल, मुख्य सचिव किसी भी संविदा कर्मियों के प्रतिनिधि या संघ के साथ आधिकारिक बैठक में नहीं थे। मुख्य सचिव इस समय कुछ माननीय विधायकों से मुलाकात कर रहे थे। इस दौरान एक विधायक के साथ एक संघ का व्यक्ति व्यक्तिगत रूप से संविदा कर्मियों के मुद्दे को उठाने का प्रयास कर गया।
मुख्य सचिव ने इस दौरान साफ किया कि विभाग द्वारा लिए गए निर्णय ही मान्य होंगे और किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत आश्वासन नहीं दिया गया। विभाग ने यह भी बताया कि समाचार में उल्लिखित ‘मुख्य सचिव द्वारा आश्वासन’ का दावा पूर्णतः झूठा है और यह केवल संघ द्वारा अपने हित में प्रचारित किया गया प्रतीत होता है।
विभाग ने सभी संबंधित पक्षों से आग्रह किया है कि वे केवल अधिकृत और प्रमाणिक स्रोतों से प्राप्त सूचना पर ही विश्वास करें। किसी भी प्रकार के भ्रामक समाचार या अफवाह में आकर संविदा कर्मियों या जनता के बीच भ्रम फैलाना अनुचित है।
यह मामला न केवल संविदा कर्मियों के हितों के प्रति जिम्मेदारी के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली और आधिकारिक सूचना के महत्व को भी उजागर करता है। विभाग का कहना है कि हड़ताल या किसी भी तरह के आंदोलन की जानकारी और उसके हल के उपायों की घोषणा केवल सरकारी चैनलों और अधिकृत आदेशों के माध्यम से ही मान्य होगी।
इस प्रकार यह साफ है कि हाल ही में मुख्य सचिव के नाम पर जो दावा किया गया, वह पूर्णत: गलत और भ्रामक है। विभाग ने स्पष्ट किया कि संविदा कर्मियों से संबंधित किसी भी निर्णय या आश्वासन की पुष्टि केवल आधिकारिक नोटिस के माध्यम से होगी।
रिपोर्ट- कुलदीप भारद्वाज