Tej Pratap Yadav: महज 27 साल की उम्र में बन गए थे कैबिनेट मंत्री, जानें कब शुरू हुई थी तेज प्रताप यादव की राजनीतिक पारी

Tej Pratap Yadav: तेज प्रताप यादव को लालू यादव ने पार्टी और परिवार से बाहर कर दिया है। जानिए उनके राजनीतिक करियर, महुआ से चुनाव लड़ने की योजना, Y कैटेगरी सुरक्षा विवाद और आगे की रणनीति के बारे में।

Tej Pratap Yadav
तेज प्रताप यादव की राजनीतिक पारी- फोटो : social media

Tej Pratap Yadav: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की तरफ से अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार दोनों से निष्कासित करना, सिर्फ एक पारिवारिक मसला नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में बड़ी हलचल है।लेकिन इससे पहले तेज प्रताप का राजनीतिक सफर भी कम दिलचस्प नहीं रहा।

2015 में पहली बार महुआ से विधायक और मंत्री बने

तेज प्रताप यादव ने 2015 में महुआ सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया। उन्होंने इस सीट से भाजपा प्रत्याशी को हराया और उसी साल नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए।उनकी पहली नियुक्ति पर खुद लालू यादव ने कहा था कि 'तेज प्रताप को सीखने दो, अनुभव आएगा'। मगर यह कार्यकाल विवादों से अछूता नहीं रहा। अस्पताल निरीक्षणों में मीडिया से उलझना, चिकित्सकों से टकराव, और विवादास्पद बयानबाज़ी उनके मंत्री कार्यकाल की प्रमुख विशेषताएं रहीं।

2020 में हसनपुर से चुनाव जीतकर फिर से विधानसभा में वापसी

2020 के चुनाव में लालू यादव ने उन्हें महुआ से हटाकर हसनपुर भेजा, जो राजनीतिक पर्यवेक्षकों के लिए एक संकेत था कि पार्टी रणनीतिक तौर पर तेज प्रताप की भूमिका को सीमित कर रही है।इसके बावजूद उन्होंने सीट जीत ली और इस बार उन्हें वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई।

2025 में फिर से महुआ की ओर रुख, लेकिन पार्टी से निष्कासन बना रोड़ा

तेज प्रताप ने हाल ही में ऐलान किया था कि वे 2025 विधानसभा चुनाव में दोबारा महुआ से लड़ना चाहते हैं।लेकिन इस ऐलान के बाद, महुआ के मौजूदा विधायक मुकेश रौशन का रोते हुए वीडियो वायरल हो गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पार्टी के भीतर विरोध और संकट पैदा हो चुका है।अब, जब तेज प्रताप को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वे स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे?क्या कोई नई पार्टी बनाएंगे?या किसी अन्य दल से चुनाव लड़ेंगे?

सुरक्षा विवाद और प्रधानमंत्री को दी गई विवादित धमकी

तेज प्रताप यादव को 2017 में केंद्र सरकार ने Y कैटेगरी की सुरक्षा दी थी, जिसे बाद में हटा लिया गया। इसके बाद 2017 में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर खाल उधेड़ने जैसा विवादास्पद बयान दिया।इस बयान पर मीडिया और विपक्ष में भारी हंगामा हुआ।लालू यादव ने उस समय अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा था कि बच्चा है, गलती हो गई।2022 में तेज प्रताप ने फिर से केंद्र को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन उन्हें दोबारा सुरक्षा नहीं मिली।

तेजस्वी यादव और तेज प्रताप की तुलना

तेजस्वी यादव आज बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार हैं। उनका व्यवहार, संयम और रणनीति उन्हें एक आधुनिक और व्यवहारिक नेता के रूप में प्रस्तुत करता है। वहीं तेज प्रताप तेजस्वी के पूरे विपरीत है। वह आक्रामक,भावुक और अप्रत्याशित बयानों के लिए जाने जाते हैं।

तेजस्वी ने निष्कासन के बाद क्या कहा?

तेजस्वी ने तेज प्रताप यादव के निष्कासन के बाद कहा कि राजनीतिक और निजी जीवन अलग होते हैं। उन्होंने जो किया, वो उनका निजी फैसला है।हम बिहार की जनता के लिए समर्पित हैं और अनुशासन सर्वोपरि है। उनका यह बयान पार्टी के भीतर और बाहर, तेजस्वी के नेतृत्व को मजबूत करता है।