Bihar Election - जूनियर केजी वाला मेनिफेस्टो लेकर आए हैं, तेजस्वी का आरोप – 𝟐𝟎 साल से निरंतर किये जा रहे झूठ, धोखे और जुमलों की रिपोर्ट है एनडीए का संकल्प पत्र

Bihar election - तेजस्वी यादव ने एनडीए के संकल्प पत्र को जूनियर केजी का मेनिफेस्टो बताया है। उन्होंने कहा कि एनडीए को 20 साल के शासन का सॉरी पत्र जारी किया है।

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Patna - पटना में एनडीए गठबंधन द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव के लिए संयुक्त रूप से संकल्प पत्र जारी किए जाने के तुरंत बाद, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी यादव ने एनडीए के घोषणा पत्र को 'झूठ का संकल्प पत्र' करार दिया और आरोप लगाया कि इसमें की गई आधी से ज़्यादा घोषणाएं उनके 'तेजस्वी प्रण' की सीधी नकल हैं। उन्होंने घोषणापत्र जारी करने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इतिहास में पहली बार किसी गठबंधन का घोषणा पत्र केवल 26 सेकंड में जारी किया गया, जो बिहार के प्रति उनके हल्के रवैये को दर्शाता है।

तेजस्वी यादव ने एनडीए पर हमला जारी रखते हुए कहा कि उन्हें बिहार की 14 करोड़ जनता के लिए संकल्प पत्र नहीं, बल्कि 'सॉरी पत्र' लाना चाहिए था। उन्होंने दावा किया कि एनडीए का मैनिफेस्टो असल में पिछले 20 साल से बिहार में किए जा रहे झूठ, धोखे और जुमलों का रिपोर्ट कार्ड मात्र है, और कुछ नहीं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि हर साल एनडीए का नया घोषणा पत्र आता है, जिसे देखकर उनकी पुरानी और अधूरी घोषणाएं पूछती हैं कि "भैया हमारा क्या हुआ? हमें क्यों पूरा नहीं किया?" यह सवाल उनके पिछले चुनावी वादों को पूरा न करने की विफलता को उजागर करता है।

राजद नेता ने एनडीए के संकल्प पत्र में शामिल कुछ बुनियादी वादों को लेकर भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने मिड डे मील में बच्चों को पौष्टिक आहार देने की घोषणा का जिक्र करते हुए कहा कि इसका सीधा मतलब है कि एनडीए सरकार अब तक बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं दे रही थी। उन्होंने जोर दिया कि यह तो एकदम बेसिक बात थी, जिसे 20 साल के शासन के बावजूद सरकार पूरा नहीं कर पाई। तेजस्वी ने इस घोषणापत्र को "20 साल के शोषण के बाद लाया गया एक जूनियर केजी वाला मैनिफेस्टो" करार दिया, जो यह दर्शाता है कि मूलभूत आवश्यकताएं भी पूरी नहीं की जा सकी हैं।

तेजस्वी यादव ने शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े वादे पर भी एनडीए को आड़े हाथों लिया। संकल्प पत्र में स्कूलों के कायाकल्प की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने पूछा कि इसका मतलब यही है कि पिछले बीस साल में इतना भी नहीं किया गया है। उनके अनुसार, बीस वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद शिक्षा और अन्य बुनियादी क्षेत्रों की स्थिति में सुधार न कर पाना घोर विफलता है।

अंत में, तेजस्वी यादव ने दृढ़ता से कहा कि अपनी इन विफलताओं के लिए एनडीए गठबंधन को बिहार की जनता से सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगनी चाहिए। उनके इस पूरे बयान में एनडीए के 20 साल के शासन पर निराशा और उनकी घोषणाओं की विश्वसनीयता पर गहरा संदेह झलकता है। उन्होंने एनडीए के संकल्प पत्र को अधूरे वादों और पुरानी विफलताओं का दस्तावेज़ बताते हुए, इसे खोखला और हास्यास्पद करार दिया।