Bihar Politics: रोटी छीन सकते हो..वोट का अधिकार नहीं..पटना में तेजस्वी का ऐलान, वीडियो जारी कर वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का खोला पोल...
Bihar Politics: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर बड़ा खुलासा किया है। तेजस्वी यादव ने वीडियो जारी कर चुनाव आयोग पर सवाल उठाया है। पढ़िए आगे....

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव की ओर से वोटर लिस्ट पुनरीक्षण कराया जा रहा है। वहीं इसको लेकर विपक्ष में हाय-तोबा मचा हुआ है। विपक्षी नेता एक के बाद एक वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर हमला बोल रहे हैं। इसी कड़ी में आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि वोटर लिस्ट पुनरीक्षण फॉर्म इधर उधर फेंके पड़े हैं। इसको लेकर तेजस्वी ने एक वीडियो भी साझा किया है।
तेजस्वी ने जारी किया वीडियो
दरअसल, रविवार को महागठबंधन के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि खुद महागठबंधन के कई बड़े नेताओं का भी अब तक पुनरीक्षण नहीं हुआ है। तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए आरोप लगाया कि फ्लाईओवर पर फॉर्म बिखरे पड़े हैं। उन्होंने एक समाचार पत्र की कटिंग भी साझा की, जिसमें लिखा गया है कि देवघर में एक जलेबी बेचने वाले के पास फार्म पहुंच गए। इसी तरह पटना के गांधी मैदान में भी फार्म फेंके जाने की बात भी तेजस्वी यादव ने कही है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का नहीं हुआ पालन
वहीं तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के दावों को भी खारिज करते हुए कहा कि, चुनाव आयोग कह रहा है कि 70% से अधिक फॉर्म जमा कर लिए गए हैं, लेकिन जमीन पर हालात बिल्कुल अलग हैं। आयोग को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में कुछ और दिखाया जा रहा है, जबकि दस्तावेजों में कुछ और है। सुप्रीम कोर्ट के सुझावों को भी नजरअंदाज किया गया है। अब तक कोई संशोधन नहीं हुआ है।
चुनाव आयोग शिकायतों का कर रहा अनदेखी
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि आयोग पर सवाल उठाना जरूरी है क्योंकि शिकायतों की लगातार अनदेखी हो रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी हमारी शिकायत सुनने को तैयार नहीं है। तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि चुनाव आयोग उनके इशारे पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार से आर-पार की लड़ाई होगी। हम पूरी तरह सतर्क हैं। आप हमारी रोटी छीन सकते हैं, लेकिन वोट का अधिकार नहीं।
7.9 लाख मतदाता हो जाएंगे वंचित
उन्होंने यह भी कहा कि अगर बिहार में 1% वोटर्स का भी सत्यापन नहीं होता है तो करीब 7.9 लाख मतदाता वोटिंग से वंचित हो जाएंगे यानी हर विधानसभा क्षेत्र में औसतन 3,251 वोट कटेंगे। तेजस्वी ने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में 52 सीटें ऐसी थीं जहां हार का अंतर सिर्फ 5,000 वोट से कम था। तेजस्वी ने आशंका जताई कि यह सब “आँखों में धूल झोंकने” जैसा हो सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि कहीं यह सब सत्तारूढ़ पार्टी के कहने पर तो नहीं हो रहा। उन्होंने सवाल किया कि "क्या वोटर्स को बिना जानकारी के हटाया जा रहा है? क्या यह लोकतंत्र के खिलाफ नहीं है?" तेजस्वी ने चुनाव आयोग से तत्काल स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
पटना से रंजन की रिपोर्ट