Voter Adhikar Yatra : राहुल की गाड़ी चलाकर तेजस्वी ने किया सियासी इशारा, वोटर अधिकार यात्रा के साथ बिहार चुनाव की भी संभालेंगे ड्राइविंग सीट...
Voter Adhikar Yatra : राहुल गाँधी की गाडी चलाकर तेजस्वी ने अब सियासी इशारा कर दिया है. कयास लगायी जा रही है की बिहार चुनाव की स्टेयरिंग भी तेजस्वी के हाथ में ही रहेगी.....पढ़िए आगे

PATNA : सासाराम में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान एक अहम दृश्य सामने आया, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी जिस गाड़ी में सवार थे, उसका स्टेयरिंग राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने संभाला। यह दृश्य न सिर्फ प्रतीकात्मक था, बल्कि आगामी बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर एक बड़ा सियासी संकेत भी देता है।
भीड़ से खचाखच भरे आयोजन स्थल पर जब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव एक ही गाड़ी में दिखाई दिए, तो राजनीतिक गलियारों में इस तस्वीर की कई तरह से व्याख्या की जाने लगी। राहुल गांधी जहां पीछे खड़े होकर जनता का अभिवादन कर रहे थे। वहीं तेजस्वी यादव ड्राइवर की सीट पर गाड़ी चला रहे थे। यह दृश्य यह जताता है कि बिहार में कांग्रेस का सियासी स्टेयरिंग अब पूरी तरह से तेजस्वी यादव के हाथ में है।
'वोटर अधिकार यात्रा' के मंच से राहुल गांधी ने जहां भाजपा और एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं तेजस्वी यादव ने भी जनता को याद दिलाया कि बिहार के युवाओं, किसानों और गरीबों के हक की लड़ाई वे लगातार लड़ते आए हैं। परंतु इस पूरी यात्रा की सबसे चर्चित तस्वीर वही रही। जिसमें राहुल गांधी को तेजस्वी यादव गाड़ी में लेकर जा रहे हैं — एक तरह से कांग्रेस को 'ड्राइव' कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तस्वीर के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की गई है कि बिहार में अगर एनडीए को टक्कर देनी है, तो नेतृत्व तेजस्वी यादव ही करेंगे और कांग्रेस सहयोगी भूमिका में रहेगी। यह गठबंधन के अंदर भूमिका और प्रभाव को लेकर एक प्रकार की स्वीकारोक्ति भी है। इस यात्रा और तस्वीर का सीधा असर आने वाले बिहार विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है। कांग्रेस जहां राष्ट्रीय स्तर पर खुद को फिर से मजबूत करने में लगी है, वहीं बिहार जैसे राज्यों में उसे क्षेत्रीय ताकतों के साथ तालमेल बैठाकर चलना पड़ रहा है। इस तस्वीर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में महागठबंधन का इंजन तेजस्वी यादव ही रहेंगे और राहुल गांधी ने स्वयं उस भूमिका को स्वीकार कर लिया है — कम से कम इस यात्रा के प्रतीकात्मक संदेश के रूप में।
प्रियदर्शन की रिपोर्ट