Bihar Politics: तेजस्वी का मोदी-नीतीश पर ट्रिपल 'M' वाला अटैक, मटन, मछली और मुसलमान का नाम लेकर खोल दिया पोल

Bihar Politics: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी और सीएम नीतीश पर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वी ने मोदी नीतीश के ट्रिपल 'म' वाले क्रोनोलॉजी समझाया है...

तेजस्वी यादव
तेजस्वी का बड़ा हमला - फोटो : social media

Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। सभी पार्टी एक दूसरे पर हमलावर हैं। इसी बीच कैग की रिपोर्ट ने सरकार की ओर टेंशन बढ़ा दी है। दरअसल, बिहार की नीतीश सरकार ने कैग को 70,877 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किए हैं। जिसके बाद से ही विपक्ष सरकार पर 70 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगा रहा है। इसी कड़ी में एक बार फिर तेजस्वी यादव ने ट्विट कर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वी ने ट्विट कर एनडीए की क्रोनोलॉजी समझायी है। साथ ही कहा कि बीजेपी-जदयू जनता को  मटन, मछली और मुसलमान में उलछा रही है।  

तेजस्वी का खुलासा 

तेजस्वी यादव ने ट्विट कर कहा कि, क्रोनोलॉजी समझिए! पहले CAG प्रमाणित 71 हज़ार करोड़ का महाघोटाला करिए...फिर जनता को मटन, मछली, मुसलमान जैसे महत्वहीन मुद्दों में उलझाइए! फिर भी जनता सवाल करे तो तेजस्वी द्वारा विकास की घोषणा को कॉपी कर जनता को भरमाने की कोशिश कीजिए। विज्ञापनों के सहारे मीडिया को कंट्रोल करने जी कोशिश कीजिए।

जनता की वोट छीनने की कोशिश

उन्होंने आगे लिखा कि, चुनाव आयोग और प्रशासन के सहयोग से बिहार की जनता के वोट को छीनने की कोशिश कीजिए। लेकिन ये हकीकत नहीं जानते कि बिहार का युवा, बिहार की जनता, बिहार के पत्रकार, #बिहार का एक एक नागरिक , जागरूक और स्वाभिमानी है। वो तानाशाहों को और भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने वाला है। इस बार बुरी तरह से बिहार के पटल से इनका सूपड़ा साफ़ करेगा बिहार!

बिहार की जनता को उलछाता हूं 

इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने एक पोस्टर भी शेयर किया है। जिसमें एक कमरे पीएम मोदी और सीएम नीतीश बैठे हैं। दोनों नेता एक दूसरे बातचीत कर रहे हैं। पीएम मोदी कहते नजर आ रहे हैं कि मैं बिहार की जनता को 'म' से मछली, मटन और मुसलमान में उलझाता हूं। वहीं सीएम नीतीश कहते नजर आ रहे हैं कि मैं सरकार को 'म' से 71 हजाड़ करोड़ के 'महाघोटाले' में लगाता हूं। इसके साथ ही लिखा है कि घोटालों की तेज रफ्तार ये है असली डबल इंजन की सरकार। 

कैग को नहीं मिला हिसाब 

गौरतलब हो कि, रिपोर्ट में कहा गया है कि उपयोगिता प्रमाण पत्रों के अभाव में, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वितरित धनराशि का उपयोग इच्छित उद्देश्य के लिए किया गया है। इसके अलावा, उपयोगिता प्रमाण पत्रों के लंबित रहने से गबन, दुरुपयोग और धन के दुरुपयोग का खतरा बना रहता है। कुल 70,877.61 करोड़ रुपये में से 14,452.38 करोड़ रुपये 2016-17 तक की अवधि के थे। वही शेष राशियों अगले वित्त वर्षों के हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ज़्यादा भुगतान न करने वाले पाँच विभाग पंचायती राज (28,154.10 करोड़ रुपये), शिक्षा (12,623.67 करोड़ रुपये), शहरी विकास (11,065.50 करोड़ रुपये), ग्रामीण विकास (7,800.48 करोड़ रुपये) और कृषि (2,107.63 करोड़ रुपये) हैं।