बिहार में जिस छह लेन ब्रिज का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन वह भरभराकर गिर सकता है... तेजस्वी की हैरान करने वाली चेतावनी

8.15 किलोमीटर लंबे औंटा-सिमरिया पुल के पीएम मोदी द्वारा उद्घाटन के ठीक बाद तेजस्वी यादव ने इस पुल के भी गिरने की संभावना जताई है.

Aunta-Simaria six-lane Ganga Bridge
Aunta-Simaria six-lane Ganga Bridge- फोटो : news4nation

Aunta-Simaria six-lane Ganga Bridge: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मिलकर शुक्रवार को पटना के मोकामा के औंटा से बेगूसराय के सिमरिया के बीच गंगा नदी पर छह लेन ब्रिज का उद्घाटन किया. एक्स्ट्रा डोजेज स्टे केबल ब्रिज तकनीक से बने इस ब्रिज के  आकर्षक डिज़ाइन और निर्माण को देखकर जहां पीएम मोदी भी अचंभित दिखे. वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने निर्माण गुणवत्ता को लेकर अग्रिम चेतावनी दी है. बिहार में हाल के वर्षों कई निर्मित और निर्माणाधीन पुलों के गिरने के घटनाओं की ओर इशारा करते हुए तेजस्वी ने तंज कसा है. 


उन्होंने कहा, 'जनहित में प्रधानमंत्री मोदी जी से मेरी अपील है कि सिर्फ़ पुल का चार बार रिबन ना काटे बल्कि एक बड़ा वैधानिक चेतावनी बोर्ड पुल के दोनों तरफ़ लगवाएं जिस पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हो कि “इस पुल का प्रयोग हर इंसान अपने जोखिम पर करे क्योंकि हमारी NDA सरकार का पुल गिरने का विश्व रिकॉर्ड है और हमारी सरकार में पुल निर्माण में अरबों करोड़ का कितना भ्रष्टाचार होता है ये बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है। ऐसे में कल को ये पुल भी गिर सकता है, कृपया अपनी जिम्मेदारी पर पुल पार करें'.


एशिया का सबसे चौड़ा पुल

8.15 किलोमीटर लंबे औंटा-सिमरिया पुल में गंगा नदी पर 1,870 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 1.86 किलोमीटर लंबा छह लेन शामिल है. यह पुल पटना के मोकामा और बेगूसराय के बीच सीधा संपर्क प्रदान करेगा. देश में और भी सिक्‍स लेन पुल हैं, लेकिन बिहार का 6 लेन सिमरिया पुल (औंटा-सिमरिया गंगा पुल) देश का सबसे चौड़ा सिक्स लेन पुल है. ये पुल 34 मीटर चौड़ा है, जो सामान्य तौर पर बनने वाले सिक्स लेन पुलों (29.5 मीटर) से करीब 4.5 मीटर ज्‍यादा है. छह लेन पुल मौजूदा दो-लेन वाले रेल-सह-सड़क पुल ‘राजेंद्र सेतु' के समानांतर बनाया गया है. 


उत्तर-दक्षिण बिहार की दूरी 100 किमी कम 

पटना के मोकामा और बेगूसराय के सिमरिया को जोड़ने वाला ये पुल एक्स्ट्रा डोजेज स्टे केबल ब्रिज तकनीक से बना है, जिसमें पुल का पूरा भार केबल पर होता है. पुल पर आवागमन शुरू होते ही उत्तर से दक्षिण बिहार के बीच 100 किमी की दूरी कम हो जाएगी। साथ ही पश्चिम बंगाल, झारखंड और असम से भी आवागमन की दूरी कम हो जाएगी और आना-जाना आसान हो जाएगा। ये नया पुल उत्तर बिहार (बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी, पूर्णिया, अररिया आदि) और दक्षिण बिहार के क्षेत्रों (शेखपुरा, नवादा, लखीसराय आदि) के बीच आने-जाने वाले वाहनों के लिए करीब 100 किलोमीटर की दूरी को कम करेगा.