PATNA - राज्यपाल के अभिभाषण पर तेजस्वी यादव ने आज जिस तरह से लालू यादव के शासनकाल की तारीफ की। उसके बाद भाजपा की तरफ पलटवार शुरू हो गया है। मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि आज तेजस्वी के भाषण में हताशा और उनका डर साफ नजर आ रहा था। वह जान गए हैं कि राजनीति में उनका कोई भविष्य नहीं है।
अपनी ही सहयोगी पार्टी को नहीं छोड़ा
नितिन नवीन ने कहा कि तेजस्वी का हताशा इस बात से ही समझी जा सकती कि जिस कांग्रेस के सहयोग से उन्होंने सरकार बनाई, आज उसी कांग्रेस के 1990 से पहले के शासन पर सवाल उठा रहे थे। तेजस्वी यादव चरवाहा विद्यालय को बड़ी उपलब्धि बता रहे थे। जिस इतिहास की बात कर रहे हैं, उसे उन्होंने पढ़ा नहीं है।
1990 से 2005 के बीच उन्होंने बिहार के लोगों को लाठी पिलावन के प्रेरित किया। आज अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर तेजस्वी बैचेन नजर आए। उन्हें अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता सता रही थी। इसलिए वह खुद को सीएम बताकर आशीर्वाद ले रहे थे।
विभागों की एक बार भी नहीं की समीक्षा
नितिन नवीन ने कहा कि तेजस्वी यादव के पास चार विभागों की जिम्मेदारी थी। लेकिन तेजस्वी जी ने एक बार भी समीक्षा बैठक नहीं की। एक बार भी सड़क पर नहीं उतरे, लेकिन बयानवीर जरुर बने रहे। आज तेजस्वी अपनी सरकार में दिए रोजगार की बात करते हैं। लेकिन यह रोजगार उनके विभाग ने नहीं दिए। बल्कि नीतीश जी के मंजूरी पर किए गए। नितिन नवीन ने कहा कि सफलता पाने के लिए कर्म करना पड़ता है। जो उन्होंने नहीं किया।