Patna highcourt - मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में क्षेत्रीय निदेशक का पद गैर शिक्षकेत्तर, पटना हाईकोर्ट ने तय की रिटायरमेंट की उम्र
Patna highcourt - पटना हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि क्षेत्रीय निदेशक का पद गैर शिक्षकेत्तर होता है। इसलिए उसके रिटायरमेंट की उम्र शिक्षकेत्तर कर्मियों के बराबर नहीं हो सकती है।

Patna - पटना हाईकोर्ट ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय निदेशक को 60 साल में सेवानिवृत्त किये जाने के सरकारी आदेश को सही करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह पद शिक्षकेतर के बजाय गैर शिक्षकेतर पद है।
इस पद पर कार्यरत कर्मी 60 सल के उम्र में पद से सेवानिवृत्त होंगे। 65 साल के उम्र में शिक्षकेतर कर्मचारी पद से सेवानिवृत्त होते हैं। जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय निदेशक मो अरशद इकबाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद उनके याचिका को रद्द कर दिया।
आवेदक की ओर से अधिवक्ता अमरेश कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि क्षेत्रीय निदेशक का पद शैक्षणिक हैं। इस पद पर कार्यरत कर्मी 65 वर्ष के आयु में पद से सेवानिवृत्त होते हैं। उनका कहना था कि डॉ. शाहिद परवेज़ (क्षेत्रीय निदेशक), डॉ. सनाउल्लाह (सहायक क्षेत्रीय निदेशक) और डॉ. साहब सिंह (सहायक क्षेत्रीय निदेशक) 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हुए हैं।
वही मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय की ओर से अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि र्मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय 1998 में संसद से पारित कानून के तहत स्थापित एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है।
उनका कहना था कि आवेदक ने क्षेत्रीय निदेशक (गैर-शिक्षण) के पद पर नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन के तहत आवेदन किया था। बिना किसी विरोध के गैर-शिक्षण पद पर निर्धारित नियुक्ति की शर्तों को स्वीकार करते हुए पद ग्रहण किया।
लगभग दो दशकों तक सेवा में रहने के बाद सेवानिवृत्ति के समय सेवा शर्तों को चुनौती दे रहे है। कोर्ट ने विश्वविद्यालय की ओर से दी गई दलील को मंजूर करते हुए माना कि क्षेत्रीय निदेशक का पद गैर-शिक्षण पद हैं। इस पद पर कार्यरत कर्मी 60 वर्ष की आयु में ही सेवानिवृत्त होंगे। कोर्ट ने याचिका को रद्द कर दिया।