जिय हो बिहार के लाला ! इन हस्तियों ने देश ही नहीं विदेशों में भी फहराया परचम, कोई बना पीएम तो किसी ने जमकर की चौके-छक्के की बरसात

Bihar News : केवल अप्रैल महीने में बिहार की इन प्रतिभाओं ने जो मिसाल कायम किया है. उसकी चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी की जा रही है. कोई विदेश में पीएम बना तो किसी ने IPL में रनों की बरसात कर सुर्खियाँ बटोरी है......पढ़िए आगे

जिय हो बिहार के लाला ! इन हस्तियों ने देश ही नहीं विदेशों मे
जिय हो बिहार के लाला - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : बिहार के लोगों में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी है। इस बात पर आये दिन मुहर लगती रहती हैं। डॉक्टर-इंजीनियरिंग की परीक्षा हो या आईएएस आइपीएस की। बिहार के छात्र-छात्राओं की इसमें अच्छी खासी संख्या होती है। आज बिहार के लोग देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का परचम फहरा रहे हैं। इस साल के केवल अप्रैल महीने की बात करें तो यह महिना खत्म हो गया है। लेकिन केवल इस महीने में ही बिहार के लोगों ने देश ही नहीं विदेश में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। 

सबसे पहले बात त्रिनिदाद और टोबैगो के आम चुनाव की। जहाँ बिहार के बक्सर जिले से संबंध रखनेवाली 73 वर्षीय कमला प्रसाद बिसेसर प्रधानमंत्री बनी हैं। बता दें की त्रिनिदाद और टोबैगो के आम चुनाव में कमला प्रसाद-बिसेसर ने यूनाइटेड नेशनल कांग्रेस (UNC) के नेतृत्व में शानदार जीत हासिल की और दूसरी बार इस कैरेबियाई देश की प्रधानमंत्री बनीं। 73 वर्षीय कमला, जो 2010 से 2015 तक इस पद पर रह चुकी हैं, न केवल त्रिनिदाद और टोबैगो की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं, बल्कि वह भारतीय मूल की पहली महिला भी हैं, जिन्होंने भारत और दक्षिण एशिया के बाहर किसी देश का नेतृत्व किया। बिहार के बक्सर जिले के भेलुपुर गांव से उनका गहरा पारिवारिक जुड़ाव है, जिसके कारण उनकी इस उपलब्धि ने भारत, खासकर बिहार में खुशी की लहर दौड़ा दी है।कमला प्रसाद-बिसेसर का जन्म 22 अप्रैल 1952 को त्रिनिदाद के सिपारिया में हुआ। उनके पूर्वज 19वीं सदी में बिहार के बक्सर जिले के भेलुपुर गांव से गिरमिटिया मजदूरों के रूप में त्रिनिदाद पहुंचे थे। उनके परदादा राम लखन मिश्रा 1889 में भेलुपुर से कैरेबियाई द्वीपों के लिए रवाना हुए थे। कमला के पिता लीलराज प्रसाद टेक्साको कंपनी में बहीखाता संभालते थे, जबकि उनकी मां रीता कोको के खेतों में मजदूरी करती थीं और बाद में उन्होंने एक रोटी की दुकान शुरू की। कमला के दादा-दादी, सोमिन्त्रा प्रसाद (नी गुपालसिंह) और चोरंजी प्रसाद, और नाना-नानी, रूकमिन और रामप्रित, भी भारतीय मूल के थे।कमला की जड़ें हिंदू संस्कृति से गहराई से जुड़ी थीं, लेकिन उनके परिवार ने बाद में बैपटिस्ट ईसाई धर्म अपना लिया। फिर भी, कमला ने अपनी भारतीय संस्कृति और मूल्यों को हमेशा संजोया। 2010 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने भगवद गीता पर शपथ ली, जो उनकी भारतीय विरासत के प्रति सम्मान को दर्शाता है।

वहीँ बिहार के दरभंगा जिले के रहने वाले IPS अधिकारी देवेन भारती मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर बनाए गए हैं। वह वर्तमान कमिश्नर विवेक फणसालकर की जगह लेंगे। देवेन भारती 1994 बैच के IPS अधिकारी हैं। इससे पहले वे मुंबई के लॉ एंड ऑर्डर में स्पेशल पुलिस कमिश्नर रहे हैं। उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का करीबी माना जाता है। देवेन 30 अप्रैल को मुंबई पुलिस कमिश्नर का पद संभालेंगे। देवेन भारती मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले की जांच में शामिल थे। पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी दिलवाने में उनका अहम रोल रहा। 2014 से 2019 के बीच फडणवीस सरकार के कार्यकाल के दौरान देवेन कई अहम पदों पर तैनात रहे थे। वह गढ़चिरौली में SP के रूप में भी तैनात थे और बाद में उन्होंने अमरावती और अकोला सहित महाराष्ट्र के कई जिलो में बतौर SP सेवाएं दीं।

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पहलगाम अटैक के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच बिहार के नर्मदेश्वर तिवारी को वायुसेना का उपप्रमुख बनाया गया है। एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी बिहार के सिवान जिले के शरीकलपुर गांव के मूल निवासी हैं। वे अभी गांधीनगर स्थित साउथ वेस्टर्न एयर कमांड के कमांडर के रूप में कार्यरत हैं। 1 मई को मौजूदा उपप्रमुख एयर मार्शल सुजीत पुष्पाकर धारकर की जगह लेंगे, जो 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। नर्मदेश्वर तिवारी वायुसेना के कुशल और रणनीतिक अधिकारी माने जाते हैं। उन्होंने अपने सेवा काल में कई महत्वपूर्ण अभियानों में नेतृत्व की भूमिका निभाई है। वे वायुसेना के अंदरूनी ढांचे, लड़ाकू योजनाओं और सामरिक नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पहचाने जाते हैं।

बिहार के लाडलों के उपलब्धियों की बात करें तो समस्तीपुर के वैभव सूर्यवंशी की बात करना भी लाजिमी हो जाता है। देश में आईपीएल का खुमार जोरों पर है और इसके साथ ही सबसे ज्यादा सुर्खियों में राजस्थान रॉयल्स के यंग खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी भी डेब्यू के बाद से ही सुर्खियों में हैं। वैभव को राजस्थान रॉयल्स ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मैदान में उतारा और पहले ही मैच में उन्होंने अपना जौहर दिखाना शुरू कर दिया। वहीं गुजरात टाइटंस के खिलाफ रविवार को खेलते हुए वे 35 गेंदों में शतक लगाकर हीरो बन गए। खास बात ये है कि तमाम चुनौतियों और पिता की कुर्बानियों के बाद मौका मिलते ही अपने बल्ले से गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा रहे 14 साल के वैभव अपने डेब्यू के साथ ही करोड़पतियों की लिस्ट में भी शामिल हो गए हैं।