Deepak Prakash minister: उपेंद्र कुशवाहा ने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाने पर दी सफाई, कहा-‘पार्टी को बचाने के लिए....'
Deepak Prakash minister: नीतीश कैबिनेट में बेटे दीपक प्रकाश के शामिल होने पर उपेंद्र कुशवाहा ने सफाई दी। बोले—यह कदम पार्टी को बचाने के लिए ज़रूरी था. परिवारवाद के लिए नहीं।
Deepak Prakash minister: बिहार में एनडीए सरकार बनने के बाद मंत्रियों की सूची को लेकर जारी राजनीति में नया मोड़ तब आया, जब उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाए जाने पर परिवारवाद की बहस तेज हो गई। विपक्ष लगातार निशाना साध रहा है, लेकिन अब कुशवाहा ने अपनी लंबी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए पूरे विवाद पर खुलकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ कहा कि यह फैसला निजी लाभ के लिए नहीं, बल्कि अपनी पार्टी के भविष्य को बचाने की मजबूरी में लिया गया कदम था।
अगर इसे परिवारवाद कहें तो मेरी स्थिति भी समझें
कुशवाहा ने अपनी पोस्ट में लिखा कि पार्टी ने कई उतार–चढ़ाव देखे हैं और हाल की परिस्थितियों ने उन्हें ऐसे कदम उठाने के लिए बाध्य कर दिया। उन्होंने कहा कि अतीत में लिए गए कुछ निर्णयों ने उनकी पार्टी को पूरी तरह कमजोर कर दिया था और वे दोबारा उसी स्थिति में लौटने का जोखिम नहीं उठा सकते।
पार्टी फिर से खाली हाथ न रह जाए
कुशवाहा ने याद दिलाया कि पहले पार्टी का विलय और उसके बाद हुए राजनीतिक बदलावों की वजह से संगठन लगभग खत्म हो गया था।उनके अनुसार कई नेताओं को उन्होंने जीत दिलाई लेकिन वह लोग बाद में पार्टी छोड़कर चले गए, जिससे संगठन दोबारा खाली हाथ खड़ा रह गया।उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी को टूटने से रोकने के लिए कठोर निर्णय लेना अनिवार्य था।
मेरे लिए यह फैसला ज़हर पीने जैसा था
अपनी पोस्ट में उन्होंने समुद्र मंथन का उदाहरण देते हुए लिखा कि कभी-कभी किसी को कड़वा घूंट पीना ही पड़ता है।कुशवाहा के अनुसार यह फैसला उनके लिए भी वैसा ही था।उन्हें पता था कि उन पर परिवारवाद के आरोप लगाए जाएंगे, फिर भी उन्होंने पार्टी की मजबूती को प्राथमिकता दी।
दीपक अयोग्य नहीं है
कुशवाहा ने बेटे दीपक प्रकाश की योग्यताओं पर भी बात की और कहा कि दीपक कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं। उन्होंने लिखा कि दीपक मेहनती हैं, उनमें अनुशासन और समझ दोनों हैं, और उन्हें अपना काम साबित करने का पूरा अवसर मिलना चाहिए।कुशवाहा के अनुसार योग्यता किसी परिवार की पहचान से नहीं, बल्कि काम से साबित होती है, और दीपक यह साबित करेंगे।
आलोचकों की परेशानी यह है कि मैं फिर खड़ा हो गया
अपनी पोस्ट के अंत में उन्होंने विरोधियों पर भी तीखा वार किया।उनका कहना था कि सवाल सिर्फ आरोपों का नहीं, असल समस्या यह है कि उनके आलोचक इस बात से परेशान हैं कि वह राजनीतिक रूप से फिर सक्रिय और मजबूत होकर उभर आए हैं।उन्होंने लिखा कि वह नकारात्मक प्रतिक्रियाओं से प्रभावित नहीं होते और पार्टी को आगे बढ़ाना ही उनकी प्राथमिकता है।