Bihar Election 2025 : कौन बनेगा विधानसभा अध्यक्ष ? बीजेपी को चुकानी पड़ सकती हैं 'गृह विभाग' की कीमत, जदयू से इनके नाम की चर्चा जोरों पर
PATNA : बिहार में नई सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित 26 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली है। पहली बार ऐसा हुआ है की अपने कार्यकाल में नीतीश कुमार ने यह विभाग छोड़ा है। लेकिन कहते हैं की छोड़कर भी नीतीश कुमार ने यह विभाग पूरी तरह नहीं छोड़ा है। इस विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार आज भी गृह मंत्री सम्राट चौधरी नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास है। हालाँकि गठबंधन में बीजेपी की गृह विभाग की मांग पूरी हो गयी है। लेकिन इसके बदले बीजेपी को कई समझौते भी करने पड़े हैं। कहे तो पावर नीतीश कुमार ने अपने सहयोगी बीजेपी को दिया है, लेकिन खजाना अपनी पार्टी के मंत्रियों को दिया है। बजट का 65 फीसदी वाला हिस्सा जदयू के मंत्रियों के पास हैं। जबकि मात्र 29 फीसदी बजट भाजपा के मंत्रियों के पास हैं।
बात विधानसभा अध्यक्ष की करें तो जदयू ने इस पद से अपना दावा अभी तक छोड़ा नहीं है। जदयू समर्थकों का मानना है कि चूंकि भाजपा के अवधेश नारायण सिंह विधान परिषद के सभापति हैं, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष का पद नीतीश कुमार की पार्टी को मिलना चाहिए। अगर ऐसा होता है कि भाजपा उपाध्यक्ष पद ले सकती है। विधानसभा अध्यक्ष का पद जदयू को मिलने के बाद दोनों के बीच संतुलन हो सकता है। जबकि इसके पहले नंद किशोर यादव भाजपा की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष थे। हालाँकि जदयू की तरफ से विजय चौधरी भी विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। फिलहाल जदयू की ओर से झाझा विधायक दामोदर रावत का नाम विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर तेजी से लिया जा रहा है।
हालाँकि एनडीए के दोनों प्रमुख घटक भाजपा और जदयू अध्यक्ष पद पर अपनी दावेदारी मजबूत कर रहे हैं। इस सूची में भाजपा के वरिष्ठ विधायक प्रेम कुमार का नाम पहले नंबर पर है। प्रेम कुछ पिछली एनडीए सरकार में सहकारी मंत्री थे। उन्होंने इस बार कांग्रेस उम्मीदवार अखौरी ओंकारनाथ को 26,423 मतों के अंतर से हराया है। वे 2015 से 2017 तक बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। वहीँ भाजपा विधायक रेणु देवी के नाम की भी चर्चा है। अब देखनेवाली बात होगी की कौन विधनासभा का अध्यक्ष होगा।
बताते चलें की 26-28 नवम्बर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा, ताकि सभी 243 निर्वाचित सदस्य शपथ ले सकें और अध्यक्ष का चुनाव कर सकें। इधर, एनडीए के एक घटक दल के वरिष्ठ नेता ने बताया की राज्यपाल सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति करेंगे, जो नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण के बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा।