Anant Singh News: इस दिन जेल से बाहर आएंगे अनंत सिंह? हाथों में हथकड़ी पहने लेंगे विधायक पद की शपथ या फिर चली जाएगी विधायकी? जानिए 6 महीने वाला नियम

Anant Singh News:भारतीय संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत किसी भी विधायक को अपना पद ग्रहण करने से पहले राज्यपाल या उनके द्वारा नियुक्त अधिकारी के सामने तीसरी अनुसूची में निर्धारित प्रारूप के अनुसार शपथ लेनी होती है।

अनंत सिंह
जेल से बाहर आएंगे छोटे सरकार?- फोटो : social media

Anant Singh News: बिहार में नई सरकार की गठन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सीएम नीतीश ने रिकॉर्ड 10वीं बार सीएम पद की शपथ ली है तो वहीं सीएम के साथ अन्य 26 ने मंत्री पद की शपथ ली। सभी मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा भी हो गया है। 25 नवंबर को नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक हुई। बैठक में 6 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगी। जिसमें से एक प्रस्ताव 18वीं बिहार विधानसभा सत्र से जुड़ी थी। 1 से 5 दिसंबर तक विधानसभा का सत्र चलेगा।  1 दिसंबर को सभी 243 नवनिर्वाचित सदस्य शपथ ग्रहण करेंगे। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि मोकामा से 28000 वोट से चुनाव जीते जदयू उम्मीदवार और बाहुबली नेता अनंत सिंह शपथ कैसे लेंगे? अनंत सिंह 1 दिसंबर को जेल से बाहर आएंगे और शपथ लेंगे? अनंत सिंह हथकड़ी में शपथ लेंगे? या फिर अनंत सिंह को अपनी विधायकी गंवानी पड़ेगी? छोटे सरकार के साथ आखिर क्या होगा? इसकी चर्चाएं तेज है। 

बेऊर जेल में बंद है अनंत सिंह 

अनंत सिंह पर जन सुराज पार्टी के समर्थक और बाहुबली नेता दुलारचंद यादव की हत्या का आरोप है, जिसे लेकर उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है और वे इस वक्त बेऊर जेल में बंद हैं। हाल ही में अनंत सिंह ने पटना सिविल कोर्ट में जमानत याचिका दायर किया था लेकिन कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। जिसके बाद फिलहाल अनंत सिंह के जेल से निकलने के सभी रास्तें बंद दिखाई दे रहे हैं। जिससे यह सवाल खड़ा हो गया कि अनंत सिंह शपथ कैसे लेंगे? अनंत सिंह जेल से रिहा कब होंगे? जेल में बंद विधायक शपथ कैसे लेते हैं? इसको लेकर नियम क्या है? आइए जानते हैं कि आखिरी कैसे अनंत सिंह विधायक पद की शपथ लेंगे।   

पैरोल के लिए याचिका दायर करेंगे छोटे सरकार

बता दें कि, यह दूसरा मौका है जब अनंत सिंह ने जेल में रहते हुए विधानसभा चुनाव जीता है। इसके पहले 2020 में अनंत सिंह ने जेल में रहते हुए विधानसभा चुनाव जीता था हालांकि तब विधानसभा सत्र शुरु होने के दौरान अनंत सिंह को पैरोल मिल गई थी। पैरोल पर जेल से आए अनंत सिंह ने विधानसभा में आकर शपथ ग्रहण की। हालांकि तब उन्हें कोर्ट ने सजा सुना दी थी जिसके कारण उनकी विधायकी रद्द हो गई। फिलहाल अनंत सिंह जेल में बंद है लेकिन उनपर चार्टशीट दायर नहीं की गई है ना ही कोर्ट से उनको सजा मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि अनंत सिंह की ओर से पैरोल को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। उम्मीद है कि उन्हें पैरोल पर बाहर निकाला जा सकता है और विधानसभा की सदस्यता दिलाकर वापस फिर बेऊर जेल भेजा जाए। हालांकि अगर कोर्ट मना कर देती है तो फिर राज्यपाल या राज्यपाल की ओर से अधिकृत अधिकारी उन्हें संविधान की धारा 188 के तहत जेल में ही सदस्यता दिला सकते हैं।

क्या कहता है नियम?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत किसी भी विधायक को अपना पद ग्रहण करने से पहले राज्यपाल या उनके द्वारा नियुक्त अधिकारी के सामने तीसरी अनुसूची में निर्धारित प्रारूप के अनुसार शपथ लेनी होती है। आमतौर पर जेल में बंद निर्वाचित प्रतिनिधि अदालत से अंतरिम जमानत या पैरोल लेकर सदन में पहुंचकर शपथ लेते हैं। शपथ के बाद उन्हें वापस जेल लौटना होता है। हालांकि पैरोल न मिलने की स्थिति में बहुत दुर्लभ मामलों में अधिकृत अधिकारी जेल जाकर भी शपथ दिला सकता है, लेकिन ऐसी मिसालें बेहद कम हैं।

6 महीने के अंदर लेनी होगी शपथ

वहीं संविधान और विधानसभा के नियमों के मुताबिक नए विधायकों के शपथ लेने के लिए कोई निश्चित समय सीमा तय नहीं है, लेकिन यदि कोई विधायक छह महीने तक सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेता है, तो उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है। ऐसे में अनंत सिंह को इस अवधि के भीतर शपथ लेनी होगी। यही नहीं शपथ लेने के बाद भी यदि अनंत सिंह जेल में ही रहते हैं, तो वे विधानसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकेंगे। ऐसे में उन्हें लिखित रूप से स्पीकर को अपनी अनुपस्थिति की सूचना देनी होगी, क्योंकि कोई भी सदस्य एक साथ 59 दिनों से अधिक सदन से गैरहाजिर नहीं रह सकता। वहीं, छह महीने के भीतर शपथ और उपस्थिति से जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा करना अनिवार्य होगा। कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ने के साथ संभावनाएं दो स्थितियों पर टिकती हैं यदि चार्जशीट हल्की धाराओं में दाखिल होती है, तो उन्हें जमानत मिल सकती है और वे सदन की कार्यवाहियों में हिस्सा ले सकते हैं। लेकिन गंभीर आरोप तय होने पर जेल से बाहर आना मुश्किल हो सकता है।

पहले भी रद्द हो चुकी है विधायकी

अगर अदालत उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल या उससे अधिक की सजा सुनाती है, तो प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत उनकी विधायकी स्वतः रद्द हो जाएगी। 2022 में अवैध हथियार मामले में 10 साल की सजा के कारण वे अयोग्य घोषित हुए थे, हालांकि 2024 में हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। अब दोबारा जीत के बाद नजर इस बात पर है कि शपथ प्रक्रिया कैसे और कब पूरी होगी। अनंत सिंह समर्थक लगातार “जेल के ताले टूटेंगे, अनंत भाई छूटेंगे” जैसे पोस्टर और नारे लगा रहे हैं लेकिन फिलहाल अनंत सिंह का जेल से बाहर आना मुश्किल दिख रहा है। अनंत सिंह कब कैसे शपथ लेते हैं यह देखने वाली बात होगी।