Bihar News : एनडीए में तिरहुत विधान परिषद उपचुनाव को लेकर चल रहे रार के बीच लोजपा(रा.) के प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश रौशन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. एक ओर यह चिराग पासवान के लिए बड़ा झटका है तो दूसरी ओर तिरहुत विधान परिषद उपचुनाव में अब राकेश रौशन जदयू उम्मीदवार को चुनौती देते दिख सकते हैं. जेडीयू ने अभिषेक झा को उम्मीदवार बनाया है लेकिन अब उनके मुकाबले में राकेश रौशन भी मैदान में दिखेंगे. तिरहुत विधान परिषद क्षेत्र में राकेश के उतरने से जदयू की परेशानी बढ़ सकती है.
तेजस्वी के खिलाफ लड़ा चुनाव :
राकेश रौशन को वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग ने राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था. राघोपुर में लालू यादव के पुत्र राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ राकेश को 25 हजार वोट आए थे. ऐसे में राकेश रौशन के लोकप्रिय चेहरे के रूप में अपने को पेश कर चुके हैं. अब इसी को भुनाने के लिए वे तिरहुत विधान परिषद उपचुनाव में किस्मत आजमाएंगे. राकेश ने दो दिन पहले ही तिरहुत विधान परिषद क्षेत्र से अपनी दावेदारी पेश की थी. इसे चिराग ने दल विरोधी मानते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. अब राकेश ने चिराग पासवान की पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
जदयू की बढ़ेगी टेंशन :
गौरतलब है कि तिरहुत विधान परिषद क्षेत्र से जदयू के देवेशचंद्र ठाकुर एमएलसी थे . हालाँकि उनके सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र से सांसद बन जाने के कारण तिरहुत विधान परिषद उपचुनाव हो रहा है. जदयू ने अपनी इस सीट पर अभिषेक झा को उम्मीदवार बनाया है. अभिषेक झा और जदयू के कई अन्य नेता पिछले कुछ समय से लगातार इस इलाके में चुनाव प्रचार में लगे हैं. हालाँकि राकेश रौशन ने भी यहाँ से चुनाव में उतरने की बात कर अभिषेक के टेंशन बढ़ा दी थी.
कौन हैं राकेश रौशन :
राकेश रौशन उत्तर बिहार की राजनीति में बड़े नाम रहे दिवंगत बृजनाथी सिंह के बेटे हैं और छात्र जीवन से ही एलजेपी से जुड़े रहे हैं. राकेश ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि बीते लोकसभा चुनाव में भैया (चिराग पासवान) ने हमें वैशाली से टिकट देने का वादा किया था. हम चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके थे, लेकिन टिकट नहीं मिला. अब तैयारी किए थे तो चुनाव लड़ रहे हैं. जनता का दबाव है. माना जा रहा है कि तिरहुत विधान परिषद क्षेत्र से राकेश के उतरने से अब यहाँ मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है. इसमें जदयू और राजद को राकेश की चुनौती मिल सकती है.