Bihar Land Survey : बिहार विधान परिषद में बुधवार को बिहार भूमि सर्वेक्षण 2024 के मुद्दे पर मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार में एक भी जनता को जब तक कागजात उपलब्ध नहीं होगा तब तक सर्वे नहीं होगा. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह ने भूमि सर्वेक्षण का सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि भले ही सरकार की ओर से कहा जा रहा हो कि बिहार में सर्वेक्षण कार्य सुचारू रूप से चल रहा है लेकिन बिहार भूमि सर्वेक्षण 2024 से आम लोगों को परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि रजिस्टर टू में कई भूमि धारक के नाम दर्ज नहीं है. इससे राज्य की जनता परेशान है. उन्होंने कहा कि विभाग सिर्फ फाइलों में आंकड़े जुटा रहा है.
भूमि राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि सरकारी जवाब यही हो सकता है. यानी सर्वेक्षण से किसी प्रकार के परेशानी नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि जो सर्वे कराया जाए यह सीएम नीतीश का सपना है. बिहार के थानों में करीब 37 फीसदी मामले जमीन के ही हैं. कोर्ट में दादा केस करते हैं और पोता तक केस लड़ते रहते हैं. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश ने एक साहसिक कदम उठाया. इसलिए अगर यह सर्वे हो जायेगा तो कई तरह की जमीन की समस्या खत्म हो जाएगी. बंगाल, ओडिशा जैसे राज्यों में सर्वे हो चुका है, लेकिन बिहार में यह काम शेष है. सर्वे को लेकर वर्ष 2012 से सीएम नीतीश प्रयासरत हैं.
3 महीने का समय
उन्होंने कहा कि लोगों को सर्वे से कई किस्म की परेशानी हुई है. इसलिए 3 महीने का समय सर्वे के लिए बढ़ाया गया. इससे 47 लाख लोगों ने सेल्फ घोषणा की है. इसे जल्द ही जारी करा दिया जायेगा. मंत्री ने कहा कि सीएम नीतीश के आदेश का पालन भी होना है. जनता को दिक्कत भी नहीं होना है और सर्वे भी होना है.
भूमि धारक के लिए 15 विकल्प
उन्होंने कहा कि रजिस्टर टू में जो पन्ना फट गया या दीमक लग गया है तो ऐसे भूमि धारक के लिए 15 विकल्प दिए गये हैं जिनकी मदद से वे अपनी जमीन पर दावा कर सकते हैं. बिहार में एक भी जनता को जब तक कागजात उपलब्ध नहीं होगा तब तक सर्वे नहीं होगा. अगर कोई अधिकारी या कर्मी पैसा मांगता है तो उसके खिलाफ 72 घंटे में कार्रवाई होगी.